- हाईकोर्ट की रोक नहीं फिर भी अवमानना की आड़ ले रहे अफसर
भोपाल। प्रदेश सरकार (State Government) एक ओर जहां आदिवासी वर्ग (Tribal Class) को तवज्जो देेने के लिए करोड़ों खर्च कर जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन करने जा रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के ट्रायवल स्कूलों में पिछले 10 साल से शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हुई है। ट्रायवल स्कूलों के लिए वर्ष 2018 में परीक्षी हुई। 2019 में परिणाम आए, लेकिन आदिवासी जाति कल्याण विभाग (Tribal Caste Welfare Department) पिछले 3 सालों से आरक्षण के प्रकरणों का वहाना बनाकर शिक्षकों की चयन सूची जारी नहीं कर रहा है। इस संबंध में ओबीसी एडवोकेट्स वेल्फेयर एसोसिएशन (OBC Advocates Welfare Association) ने मुख्यमंत्री तथा विभाग के आयुक्त एवं प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है।
जिसमें कहा है कि मप्र सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) में संरक्षित शिक्षा के मूलभूत अधिकारों को संरक्षित करने की वाध्यता के कारण प्रदेश के लगभग 20 जिलों मे ट्रायबल विभाग द्वारा कक्षा एक से 12 तक स्कूल संचालित है। इनमें कई वर्षों से शिक्षको के बड़ी संख्या मे पद रिक्त पड़े हुए है ! ट्रायबल विभाग द्वारा दिनांक 8 अगस्त 2018 को विज्ञापन जारी करते हुए, उच्च मध्यमिक शिक्षकों के लगभग 2200 एवं माध्यमिक शिक्षको के लगभग 5700 रिक्त पदों की पूर्ति के लिए 2018 में ही शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की। परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों को अभी तक नियुक्त नहीं किया। ट्रायबल विभाग द्वारा हाईकोर्ट में आरक्षण से संबंधित प्रकरणों का मौखिक हवाला देकर अभी तक चयनित शिक्षको को नियुक्तियां नहीं दी गई है। 11 नवंबर 2021 को नियुक्ति पत्र जारी होने थे, लेकिन अवमानना याचिका का हवाला देकर फिर से रोक ला दी गई है। जबकि ट्रायवल स्कूलों में नियुक्तियों पर हाईकोर्ट की रोक नहीं है।