भोपाल । आखिरकार लंबे समय से चल रही हबीबगंज स्टेशन (Habibganj Station) के नाम बदलने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे ही दिया है। राजधानी भोपाल (Bhopal) में बना देश का पहला विश्व स्तरीय हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Country’s first world class Habibganj railway station) अब यहां की गोंड महारानी रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन करने का फैसला किया है। परिवहन विभाग की तरफ से इस संबंध में गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। अब गृह मंत्रालय पहले रेलवे से सहमति लेगा ताकि पता चल सके कि इस नाम का कोई स्टेशन पहले से न हो।
बता दें कि राज्य सरकार ने शुक्रवार को केन्द्र सरकार को इस स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर करने का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव को केन्द्र से मंजूरी मिल गई है। प्रधानमंत्री मोदी 15 नवम्बर को भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित जनजातीय महासम्मेलन में शामिल होंगे, साथ ही इस विश्व स्तरीय स्टेशन का लोकार्पण भी करेंगे।
विदित हो कि राजधानी भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का करीब सौ करोड़ की लागत से कायाकल्प किया गया है और विश्व स्तरीय बनाया गया है। यह देश का पहला विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस स्टेशन का लोकार्पण करने वाले हैं। इससे पहले राज्य सरकार ने इसका नाम बदलने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा था, जिसमें इस स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर करने का जिक्र था। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र ने मुहर लगा दी है।
दरअसल, हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही है। स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया समेत अनेक राजनेता इस स्टेशन का नाम बदलने की मांग कर चुके हैं। भाजपा नेता पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर इस स्टेशन का नाम करने की मांग उठा रहे थे।
इसी बीच शुक्रवार को मध्यप्रदेश शासन के परिवहन विभाग ने इस स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया। केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गए इस प्रस्ताव में हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर करने का जिक्र किया गया था। बताया गया है कि चूंकि 15 नवंबर देशभर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, इसलिए भोपाल रियासत की गोंड रानी कमलापति के नाम पर विचार किया गया और उनके नाम पर सहमति बनी। इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा।
प्रस्ताव में उल्लेख किया गया था कि 16वीं सदी में भोपाल गौंड शासकों के अधीन था। माना जाता है कि गोंड राजा सूरज सिंह के पुत्र निजामशाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था। रानी कमलापति ने अपनी पूरे जीवन में बहादुरी और वीरता से आक्रमणकारियों का सामना किया था। भारत सरकार ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने को निर्णय लिया है। इसी दिन प्रधानमंत्री मोदी हबीबगंज रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करेंगे। इसीलिए इस स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में किए जाने का निर्णय लिया है।
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