चेन्नई। सुप्रीम कोर्ट जजों के कोलेजियम (Collegium of Supreme Court Judges) द्वारा मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस (Chief Justice of Madras High Court) संजीब बनर्जी (Sanjib Banerjee) के मेघालय हाईकोर्ट ट्रांसफर (Meghalaya High Court Transfer) का यहां की हाईकोर्ट के 237 वकीलों ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे एक ईमानदार व निडर जज को दंड देने जैसा कदम बताया। वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना और कोलेजियम को पत्र लिखा और निर्णय पर फिर से विचार करने को कहा।
मद्रास हाईकोर्ट चीफ जस्टिस को मेघालय भेजने के खिलाफ खड़े हुए 237 वकील
इस 12 पृष्ठों के पत्र में वकीलों ने कहा कि 75 जजों वाली मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को दो जजों वाली मेघालय के हाईकोर्ट में भेजना कई असामान्य प्रश्न पैदा करता है। बेहतर प्रशासन के लिए ट्रांसफर जरूरी होते हैं, लेकिन बार सदस्यों और आम जनता को पता होना चाहिए कि जिस अदालत में हर साल 35,000 मामले आते हैं, वहां के चीफ जस्टिस को ऐसी अदालत क्यों भेजा जा रहा है, जहां मुकदमों की संख्या 70-75 ही रहती है? वकीलों ने कहा कि जस्टिस बनर्जी का भ्रष्टाचार और अक्षमता को जरा भी सहन न करने का स्वभाव सराहा जाता है।
पहले भी एक चीफ जस्टिस दे चुके हैं इस्तीफा
सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने 2019 में भी मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस विजया के तहिलरामानी का ट्रांसफर मेघालय हाईकोर्ट कर दिया था। जस्टिस विजया ने इसे स्वीकार नहीं किया, आपत्ति की, लेकिन कोलेजियम ने उसे नहीं सुना। विरोध जताने के लिए उन्हें इस्तीफा देना बेहतर लगा।
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