इंदौर। राजस्व अभिलेखों (revenue records) के शुद्धिकरण का प्रदेशव्यापी अभियान चल रहा है, जिसके तहत शासन ने 33 लाख त्रुटियों को दूर करने का दावा किया, तो इंदौर (Indore) प्रशासन ने भी एक लाख से अधिक राजस्व रिकॉर्ड सुधार लिए हैं। अब 15 नवम्बर की बजाय 30 नवम्बर तक यह अभियान चलेगा, जिसमें इंदौर जिले में ही लगभग साढ़े 5 लाख त्रुटियां सुधारी जाएंगी। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने इस संबंध में विस्तृत आदेश पिछले दिनों जारी करते हुए इसका जिम्मा अपर कलेक्टर राजेश राठौर (Collector Rajesh Rathore) को सौंपा। उनका कहना है कि राजस्व अमला अभी वैक्सीनेशन (vaccination) में भी जुटा है, उसके साथ ही राजस्व त्रुटियां भी लगातार सुधारी जा रही है। लगभग एक दर्जन तरह की त्रुटियों को इस दौरान सुधारा जाएगा और कई आवेदकों के आवेदन के आधार पर भी राजस्व अमला शुद्धिकरण का कार्य करेगा।
राजस्व रिकार्डों में गलती का खामियाजा जमीन मालिकों, किसानों (farmers) को भी भुगतना पड़ता है। वहीं डायवर्शन, भू-उपयोग प्रमाण-पत्र सहित अन्य प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया गया। मगर राजस्व रिकार्ड (revenue record) में त्रुटियों के चलते सरकारी योजनाओं का लाभ लेने-देने में भी कई तरह की बाधाएं उत्पन्न होती है, जिसके चलते पूरे प्रदेश में भू-अभिलेख रिकॉर्ड शुद्धिकरण अभियान चल रहा है, जिसे अब 15 दिन के लिए और बढ़ाते हुए 30 नवम्बर तक कर दिया है। कई जमीन मालिकों की मृत्यु हो गई, मगर रिकार्ड में अभी भी उनके नाम दर्ज हैं। इसी तरह खसरा क्षेत्रफल सुधार, रिक्त भूमि स्वामी, बटांक खसरा, मीलिंग खसरा, भूमि स्वामियों के प्रकार, अल्फा न्यूमैरिक खसरा, फौती नामांतरण, रकबा, नक्शे संबंधित त्रुटियां, डायवर्शन डाटा एंट्री, डाटा परिमार्जन के अलावा जमीन मालिकों, किसानों के स्तर पर भी कई तरह की अशुद्धियां रह जाती है। नाम-पता सुधार, नक्शा तरमीम से लेकर एक दर्जन से अधिक अशुद्धियों को इस अभियान के दौरान सुधारा जा रहा है, ताकि फसल बीमा, बैंक ऋण, नामांतरण, बंटवारे, पीएम किसान योजना सहित अन्य का लाभ भी दिया जा सके। कलेक्टर मनीष सिंह ने इस शुद्धिकरण अभियान के लिए राजस्व अमले के लिए विस्तृत आदेश जारी किए। अपर कलेक्टर राजेश राठौर को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। श्री राठौर के मुताबिक 1 लाख से अधिक राजस्व त्रुटियां तो अभी तक सुधार दी है और पूरे अभियान के दौरान साढ़े 5 लाख त्रुटियां सुधारी जाना है, जिसकी तैयारी पिछले महीने ही कर ली थी। वहीं अभियान के दौरान भी जमीन मालिकों के मिलने वाले आवेदनों के आधार पर भी उनके रिकॉर्ड दुरुस्त किए जाएंगे। इस अभियान के लिए प्रत्येक गांव में खसरा-खतौनी का वाचन भी करवाया जा रहा है। संबंधित तहसीलदार, नायब तहसीलदार या अन्य अधिकारी को किस तरह आवेदन करना है और यह पूरी प्रक्रिया एप के जरिए की जा रही है। खातेदारों, कृषकों को वाचन स्थल पर उपस्थित रहने के लिए मुनादी यानी घोषणा भी अनिवार्य रूप से करवाई जा रही है। वहीं फौती नामांतरण की कार्रवाई भी पूरी की जाएगी। इसी तरह कई गांवों में खसरा, खतौनी और नक्शों यानी तीनों अभिलेखों का एक-दूसरे से मिलान नहीं होगा, जिसके चलते रिकार्ड अशुद्ध रहते हैं। लिहाजा मिसल बंदोबस्त के मुताबिक कुल रकबे का मिलान किया जाएगा और अंतर पाए जाने पर त्रुटिपूर्ण खसरा नम्बर और उसके क्षेत्रफल में सुधार करेंगे। नवीन दरों पर भू-राजस्व के स्वत: प्रावधान भी किए जा रहे हैं। पटवारी लॉग इन में डायवर्टेड जमीनों के लिए डाटा एंट्री मॉड्यूल दिया गया है उसके मुताबिक ही कर निर्धारण और अन्य प्रक्रिया की जा रही है। शासन ने दावा किया है कि इस अभियान के तहत अभी तक 35 लाख से अधिक अभिलेखों की त्रुटियां दूर कर दी गई हैं।
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