नई दिल्ली। ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन करना नुकसानदेह हो सकता है।अक्सर लोग ये कहते हैं कि चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) के दौरान कुछ भी खाने से मना क्यों किया जाता है? दरअसल, इसके पीछे एक खास वजह है। शास्त्रों के अनुसार, चंद्र ग्रहण को परिवर्तन का अग्रदूत और अपशकुन का समय माना जाता है। यही कारण है कि इस दौरान कुछ सावधानियों का पालन करने की सलाह दी जाती है। चंद्रमा की किरणों को इस दौरान विषाक्त माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि अगर आप इस दौरान कुछ खाते हैं तो इसका आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ऊर्जा चक्रों पर असर
गर्भवती महिलाओं (pregnant women) को इस दौरान खास तौर पर कहा जाता है कि इस दौरान वो किसी भी नुकसान पहुंचाने वाली चीज से दूर रहें। मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा के चक्र हमारे शरीर पर वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालते हैं। ये हमारे ऊर्जा चक्रों पर भी असर डालता है। ग्रहण के दौरान खास तौर पर कच्चे फल या सलाद खाने से परहेज किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की किरणें इसके गुणों को नष्ट कर सकती हैं। ऐसी किसी भी चीज को खाने से मना किया जाता है, जिसे पचने में लंबा समय लगे।
ग्रहण के दौरान पर्यावरण में बदलाव
चंद्र ग्रहण के दौरान ऊर्जा में बदलाव होता है और ये आपकी सेहत पर असर डालता है। ग्रहण के दौरान पर्यावरण में हुए बदलाव और यूवी किरणों की वजह से पका हुआ भोजन खराब हो सकता है। पके हुए भोजन में जब ये किरणें पड़ती हैं, तब इससे खाना दूषित हो जाता है।
भोजन को सुरक्षित करने के लिए रखें तुलसी का पत्ता
शास्त्रों के अनुसार, चंद्र ग्रहण सूक्ष्मजीवों की मृत्यु का कारण बनता है। यही वजह है इस दौरान खाने या स्नान करने से मना किया जाता है। पके हुए भोजन को सुरक्षित करना चाहते हैं, तो इसमें तुलसी का पत्ता रखें. ऐसा माना जाता है कि ये विकिरण को दूर करता है और भोजन को जहर में बदलने से बचाता है। ग्रहण के दौरान तुलसी मिले हुए दूध का सेवन करना अच्छा माना जाता है।
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