कासगंज: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कासगंज जिले में हिरासत के दौरान हुई युवक को लेकर पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। वहीं, इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। राजनीतिक दलों के नेता इस मामले में यूपी सरकार को घेरने में जुट गए हैं। बसपा सु्प्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) ने इस मामले में सरकार से उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा देने और पीड़ित परिवार की मदद की मांग की है। इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी।
क्या है पूरा मामला ?
अल्ताफ पुत्र चाहत मियां उर्फ चांद मियां नगला सैय्यद अहरोली का निवासी था। वह घरों में पेंटिंग का काम करता था। वह टाइल्स की दुकान पर रहकर मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। बीत दिनों नाबालिग लड़की के पिता की शिकायत पर पुलिस ने अल्ताफ को उठा लिया। इस दौरान अल्ताफ की संदिग्ध परिस्थितयों में मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि अल्ताफ ने बाथरूम में जाकर फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हुई। वहीं, परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है। इस मामले में एसपी ने लापरवाही के चलते 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है। मामले ने तूल पकड़ लिया है।
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