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    मलाला यूसुफजई ने ब्रिटेन में किया निकाह, जानें कौन है उनका जीवनसाथी

  • November 10, 2021

    बर्मिंघम। नोबल शांति पुरस्‍कार विजेता(Nobel Peace Prize Winner) मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने ब्रिटेन में निकाह(married in UK) रचा लिया है. उन्होंने मंगलवार को असर मलिक(Asser Malik) के साथ अपने नए जीवन की शुरुआत की. इस मौके पर दोनों के परिजन मौजूद रहे. मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने ट्वीट करके अपनी शादी की जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ‘आज का दिन मेरे जीवन का एक अनमोल दिन है. असर और मैं जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाने के लिए शादी के बंधन में बंध गए हैं. हमने बर्मिंघम में अपने घर पर परिवार की मौजूदगी में एक छोटा सा निकाह समारोह किया. हम आगे की यात्रा के लिए एक साथ चलने के लिए उत्साहित हैं. हमें आपकी शुभकामनाओं की जरूरत है’.

    मलाला के जीवनसाथी असर मलिक (Asser malik) पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड pakistan cricket board (PCB) में जनरल मैनेजर हैं. मई 2020 में उन्‍होंने यहां ज्‍वाइन किया था. इससे पहले वे पाकिस्‍तान सुपर लीग के लिए काम करते थे. असर मलिक (Asser malik) ने एक प्‍लेयर मैनेजमेंट एजेंसी का संचालन भी किया है. असर मलिक (Asser malik) ने लाहौर यूनिवर्सिटी आफ मैनेजमेंट साइंसेज से 2012 में इकोनॉमिक्‍स और पॉलिटिकल साइंस में बैचलर्स डिग्री ली है.



    Taliban ने मार दी थी गोली
    पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियों की शिक्षा का समर्थन करने वाली मलाला को 2012 में तालिबान ने स्कूल से लौटते समय गोली मार दी थी. तब मलाला की उम्र महज 15 साल की थी. ब्रिटेन में मलाला का इलाज चला और बहुत मुश्किल से उनकी जान बची. इसके बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मलाला ने अपनी शिक्षा पूरी की. मलाला को बच्चों के अधिकारियों के लिए काम करने वाले भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ 2014 में संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार मिला था, तब उनकी उम्र मात्र 17 वर्ष थी. यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली वह सबसे कम उम्र की विजेता रहीं.

    कई Awards से हो चुकी हैं सम्मानित
    2013 में मलाला को यूरोपीय यूनियन का प्रतिष्ठित शैखरोव मानवाधिकार पुरस्कार भी मिला. इसके अलावा भी उन्हें कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. 12 जुलाई, 1997 को पाकिस्तान, उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में मलाला युसुफजई का जन्‍म हुआ था. उनके जन्म के समय परिवार के पास अस्पताल जाने के लिए भी पर्याप्त पैसा नहीं था और पड़ोसियों की मदद से यूसुफजई ने घर पर जन्म लिया था. मात्र 11 साल की उम्र में गुल मकई के नाम से उन्‍होंने डायरी लिखना शुरू किया था.

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