भोपाल। आगामी 2 दिसंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) के पूर्व सदस्यों का एक वृहद सम्मेलन विधानसभा सचिवालय (A Grand Conference Assembly Secretariat) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में पूर्व सदस्यों के सम्मान के साथ ही उनकी समस्याओं के उचित निराकरण के लिए भी प्रयास किये जाएंगे तथा इन विषयों पर चर्चा होगी । यह जानकारी मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सोमवार को पूर्व विधायक मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दी। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ, पूर्व विधायक मंडल के अध्यक्ष जसवंत सिंह एवं पूर्व विधायकगण, विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव ए. पी. सिंह भी उपस्थित थे।
विधानसभा अध्यक्ष ने गिरीश गौतम ने कहा कि पूर्व विधायकों की उचित मांगों एवं समस्याओं का निराकरण होना आवश्यक है। सरकार के स्तर पर भी पूर्व विधायकों की समस्याओं के शीघ्र निराकरण के लिए भी मैं प्रयास कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक मंडल का सर्वप्रथम गठन 1993 में हुआ था, और तभी पूर्व विधायकों की समस्याओं एवं मांगों की चर्चा इस मंच पर होती रही है।
उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में वैमनस्यता है, इसे सबसे पहले दूर करने की जरूरत है। राजनीति में मतभेद तो स्वाभाविक हैं, किंतु मनभेद की कतई आवश्यसकता नहीं है। विचारों, विचारधारा, नीतियों, कार्याक्रमों एवं उनके क्रियान्वयन की प्रक्रिया में दो दलों के बीच मतभेद हो सकता है। लेकिन राजनीतिक दलों के और नेताओं के बीच मनभेद का काई स्थान नहीं होना चाहिए। पूर्व विधायक मंडल में सभी दलों के सदस्य हैं और भी राजनीति से मनभेद खत्म करने का एक प्रयास है। मैं भी राजनीति में मनभेद न हो इसके लिए अपने स्तर पर पूर्ण प्रयास करता रहता हूं। श्री गौतम ने पूर्व विधायकों से आह्वान किया उनके अनुभव की आवश्यकता आज समाज में हैं, इसलिए उन्हें सक्रिय होकर अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की प्रथम विधानसभा के लिए निर्वाचित सदस्य वयोवृद्ध नेता लक्ष्मीनारायण गुप्ता भी उपस्थित थे। विधानसभा अध्यक्ष ने श्री गुप्ता का अभिनंदन कर उनके दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना की। श्री गुप्ता का जन्म 6 जून 1918 को हुआ था और वर्तमान में उनकी आयु 103 वर्ष होते हुए भी वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। श्री गुप्ता 1952 में पहली बार हिंदू महासभा के प्रत्याशी के रूप में शिवपुरी जिले की पिछौर सीट से निर्वाचित हुए थे। वे मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे हैं।