वाशिंगटन। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय (US Defense Ministry) की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन (China) बड़ी तेजी के साथ अपने परमाणु हथियारों का जखीरा(increasing stock of nuclear weapons) बढ़ाने में लगा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल उसके पास अनुमानित तौर पर 200 से कम परमाणु हथियार (nuclear weapons) हैं जो अगले सात वर्ष में बढ़कर 700 और वर्ष 2030 तक एक हजार हो जाएंगे। पेंटागन की तरफ से जारी मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलेपमेंट इंवोल्विंग दी पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाइना 2021(Military and Security Development Involving the People’s Republic of China 2021), और चाइना मिलिट्री पावर रिपोर्ट China Military Power Report (CMPR) में इस बात का जिक्र किया गया है। ये रिपोर्ट करीब 192 पेज की है।
आपको बता दें कि वर्ष 2000 के बाद से ही अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन की तरफ से इस तरह की रिपोर्ट जारी की जाती है। हालांकि इस बार इस रिपोर्ट को जारी करने में पिछले वर्ष की तुलना में दो माह का समय अधिक लगा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की इस तेजी का मकसद अपने मजबूत और ताकतवर दुश्मनों को युद्ध में हराना है। इसमें अमेरिका और दूसरे देश भी शामिल हैं। आपको बता दें कि चीन और ताइवान के बीच सीमा विवाद काफी पुराना है।
ताइवान को चीन जहां अपना हिस्सा बताता है वहीं ताइवान खुद को एक स्वंतत्र राष्ट्र के तौर पर पेश करता है। चीन की तरफ से साफ कहा गया है कि ताइवान को अपने में मिलाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकता है। इसके लिए यदि युद्ध भी करना पड़ेगा तो वो इससे भी पीछे नहीं हटेगा। वहीं ताइवान भी साफ कर चुका है कि वो किसी भी सूरत में चीन के दबाव में आने वाला नहीं है। ताइवान की राष्ट्रपति साई वेंग कह चुकी है कि वो अपने समर्थक देशों के साथ मिलकर चीन का मजबूती से मुकाबला करने को तैयार हैं। ताइवान के मुद्दे पर चीन तीसरे देश की दखल को लेकर भी काफी चिढ़ा हुआ है। इस मामले में वो अमेरिका को भी सीधेतौर पर आगाह कर चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन लगातार खुद को न सिर्फ इस क्षेत्र में बल्कि पूरे विश्व में एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की पूरी कोशिश कर रहा है। यूएस नेवल वार कालेज के प्रोफेसर आफ स्ट्रेटेजिक एड्रयू एरिक्सन ने एएनआई को बताया है कि बीते दो दशकों में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने हार्डवेयर बनाने और इसकी क्वालिटी को बेहतर करने, अपने संगठनों की कमजोरी को दूर कर उसको मजबूत करने, आपसी सहयोग बढ़ाने, ट्रेनिंग पर काफी जोर दिया है। चीन तेजी से दुनिया की ताकत बनने की तरफ उभर रहा है। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और उसके पास दुनिया की सबसे बड़ी ग्राउंड फोर्स है। इसके अलावा उसका डिफेंस बजट भी काफी बड़ा है। इतना ही नहीं इस क्षेत्र में उसके पास अधिक जंगी जहाज, एशिया प्रशांत क्षेत्र की सबसे बड़ी एयरफोर्स है। दुनिया की सबसे बड़ी सब-स्ट्रेटेजिक मिसाइल फोर्स और मोस्ट सोफिस्टीकेटेड जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल की ताकत है। इतना ही नहीं चीन पीएलए राकेट फोर्स को भी डेवलेप कर रहा है। इसमें चीन की आईसीबीएम और दूसरी चीजों के बारे में भी आगाह किया गया है। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भविष्य में अमेरिका को चीन से सावधान रहने की जरूरत है। इसमें कहा गया है कि चीन ने CH-AS-X-13 बैलेस्टिक मिसाइल को एच-6 बमवर्षक विमान से लांच करने में शुरुआती सफलता हासिल कर ली है। अब वो इसके विकास, रणनीति और इस्तेमाल पर ध्यान दे रहा है।