इंदौर। शहर में अपराध किस तरह बढ़ रहे हैं इसका प्रमाण है दस माह में पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़े। इसके अनुसार दस माह में शहर में लूट की 155 घटनाएं हुईं। हर माह 15 से अधिक लूट हुई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में शहर में लूट की 64 घटनाएं दर्ज हुई थीं।
शहर में अनलॉक होने के बाद यूं तो सभी प्रकार के अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन लूट की घटनाएं सबसे अधिक बढ़ी हैं। चाहे बैग लूटने की घटना हो या फिर मोबाइल लूट की। चेन लूट की घटनाएं तो रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार घटनाएं बढऩे के पीछे दो कारण प्रमुख हैं- एक तो कोरोना के चलते बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए है, वहीं पिछले साल तीन माह तक लॉकडाउन के कारण कम घटनाएं हुई थीं, जबकि इसके पहले साल यह घटनाएं अधिक थीं। इस हिसाब से घटनाएं इतनी अधिक नहीं बढ़ी हैं, लेकिन फिर भी दोगुना से अधिक घटनाएं बढऩा पुलिस के लिए चुनौती है।
पुलिस रिकॉर्ड सुधारने के लिए एक हथकंडा अपनाती है। मोबाइल लूट की घटनाओं में पुलिस आमतौर पर केस दर्ज नहीं करती। करती भी है तो चोरी का दर्ज करती है। इसका प्रमाण विजयनगर और कनाडिय़ा में पकड़े गए गिरोह हैं। इन गिरोह ने शहर में 50 से अधिक मोबाइल लूट की घटनाएं कबूल की थीं। बड़ी संख्या में मोबाइल भी जब्त हो गए थे, लेकिन पुलिस को इन मामलों में फरियादी नहीं मिल रहे थे, क्योंकि ज्यादातर मामलों में पुलिस ने आवेदन लेकर लोगों को चलता कर दिया था, केस तक दर्ज नहीं किया था। यही हाल चेन लूट की घटनाओं का है। कुछ मामलों में तो पुलिस ने महिलाओं की चेन लूटने वालों के खिलाफ लूट का केस दर्ज किया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि आधे से ज्यादा मामलों में पुलिस चेन लूट के मामले में चोरी की धाराओं में केस दर्ज करती है।
पुलिस का प्लान रहा फेल
पुलिस को अंदेशा था कि अनलॉक के बाद शहर में अपराध बढ़ेंगे। इसके चलते पूर्वी एसपी आशुतोष बागरी ने एक प्लान भी तैयार किया था और थानों को वाहन चोरी और चेन लूट रोकने के लिए चिह्नित पाइंट पर तैनात किया गया था, लेकिन यह प्लान बेअसर रहा। घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हालांकि पुलिस ने कुछ दिन पहले दो बड़े चेन लूट गिरोह को पकड़ा और उनसे 20 से अधिक महिलाओं के गले से लूटी चेन जब्त की।
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