दर्शन करने जा रहे यात्रियों से भरी मिनी बस खड़े डम्पर में जा घुसी
इंदौर। गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) के लिए दीपावली (Dipawali) की रात इंदौर ( Indore) से निकले एक ब्राह्मण परिवार के तीन मासूम भाई-बहन गुना (Guna) के पास हुए जबरदस्त हादसे में जिंदा जल मरे। कल सुबह इस परिवार सहित 28 यात्रियों से भरी मिनी बस गुना Guna) के पास डम्पर (Dumper) से जा टकराई। तीन की मौत के अलावा कई यात्रियों को चोटें भी आई हैं।
इंदौर ( Indore) के द्वारकापुरी (Dwarkapuri) क्षेत्र के 60 फीट रोड पर रहने वाले प्रवीण शर्मा (Praveen Sharma) मूल रूप से निमाड़ के शकरखेड़ा (Shakerkheda) के रहने वाले हैं। वे सालों पहले इंदौर ( Indore) आकर यहीं बस गए। प्रवीण पत्नी नेहा, बेटे मधुसूदन, बेटी काशवी, मां पुष्पाईबाई सहित पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार जगदीश शर्मा, सुभाष शर्मा और इनके खरगोन के एक रिश्तेदार सभी मिलकर करीब 28 लोगों ने गोवर्धन पूजा के दिन मथुरा (Mathura) में दर्शन करने के लिए यात्रा की प्लानिंग बनाई थी। सभी लोग इंदौर ( Indore) में दीपावली की पूजा कर रात एक बजे निकले थे। बताया जा रहा है कि यात्रियों की मिनी बस गुना (Guna) के पास चाचौड़ा बरखेड़ा (Chachoda Barkheda) में सडक़ किनारे खड़े एक डम्पर में जा घुसी। हादसे के दौरान ज्यादातर यात्री बस में सो रहे थे। जैसे ही हादसा हुआ तो सभी की नींद खुली और चिल्ला-पुकार मची। कुछ यात्री तो हादसे के बाद बस से उतर गए, लेकिन 20 साल का माधव पिता जगदीश शर्मा, 13 साल की दुर्गा और 19 साल का रोहित पिता रामकिशन बस में फंस गए थे। इसी बीच बस में आग लग गई और देखते ही देखते बस धू-धूकर जलने लगी। कोई कुछ समझे और फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) की गाडिय़ां मौके पर आएं इससे पहले पूरी बस जल गई। उसमें सवार ये तीनों जलकर खाक हो गए। उधर मौके का फायदा उठाकर बस का ड्राइवर (Driver) नितेश खत्री वहां से भाग गया।
खराब मूड से देवदर्शन के लिए लेकर गया था मदहोश ड्राइवर
बताया जा रहा है कि पूरी घटना का जिम्मेदार मिनी बस (Mini Bus) का ड्राइवर (Driver) था, जो यात्रा के लिए जाने को तैयार नहीं था, लेकिन ट्रेवल्स (Travels) वाले ने उसे जबरदस्ती भेजा और इतना बड़ा हादसा हो गया। ड्राइवर शराब ( Liquor) भी पीया हुआ था। बस जैसे ही द्वारकापुरी (Dwarkapuri) लाया, तब से ड्राइवर (Driver) का मूड खराब लग रहा था। घायलों ने बताया कि बस का ड्राइवर नीतेश खत्री बस जैसे ही दीपावली वाली रात द्वारकापुरी (Dwarkapuri) लेकर आया तो उसे देख लग रहा था कि ट्रेवल्स वाले ने उसे जबरदस्ती भेजा है। उसका यात्रा पर ले जाने का मन नहीं है। इंदौर से देवास के बीच ही उसने रफ्तार में बस चलाई। उसे कई बार टोका, लेकिन उसने हमारी बात नहीं सुनी और बस को धीरे नहीं किया। देवास के पास नाश्ते के दौरान कुछ यात्रियों ने नीतेश द्वारा रफ्तार से बस चलाने को लेकर आपत्ति भी ली। कुछ ने तो कहा कि बाद में यात्रा पर जाएंगे, ड्राइवर सही नहीं है। वह शराब भी पीया हुआ है, लेकिन कुछ यात्रियों का मत था कि एक बार घर से निकल पड़े तो चले चलो, क्योंकि दोबारा निकलना संभव नहीं होगा और अब दोबारा कब और कैसे प्लानिंग करेंगे। बाद में तय हुआ कि यात्रा जारी रखते हैं। नाश्ते के बाद सभी बस में सवार हो गए और रात को सो गए और सुबह एकाएक हादसा हो गया।
तीनों का एक साथ पंचकुइया में अंतिम संस्कार
बताया जा रहा है कि हादसे में मृत तीनों बच्चों के शव कंकाल बन चुके थे। तीनों के शवों को पोटलियों में इंदौर लाया गया। जैसे ही शवों को गाड़ी से उतारा तो पूरे मोहल्ले में चीख-पुकार मच गई। शव लाने से पहले ही मोहल्ले वालों ने अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी थीं। यहां तीनों का एक साथ पंचकुइया मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान मृतकों के परिजन का रो-रोकर बुरा हाल था। जो लोग यात्रा पर गए थे उनमें भानजे, मामा और दामाद शामिल थे।
पूरे इलाके में मातम छाया
कल तक ये बच्चे द्वारकापुरी की गलियों में अपने साथियों के साथ खेलते थे। त्योहार के दिन उनके साथ हुए हादसे की खबर मिलते ही पूरे इलाके में मातम छा गया। आज तीनों बच्चों की शवयात्रा एक साथ निकली।
ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठने की जिद पड़ी बारी
बताया जा रहा है कि हादसे में जिन तीन बच्चों की मौत हुई है उन्होंने बस निकलते ही ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठने की जिद की। जिस समय हादसा हुआ तब सभी नींद में थे। हादसे में बस में आग लग गई और उन्हें निकलने का मौका ही नहीं मिला और जलकर कंकाल बन गए।
7 परिवारों के 28 लोग…
हादसे में घायल प्रवीण पंडिताई करते हैं। वह पत्नी, बच्चों और मां के साथ यात्रा पर गए थे। प्रवीण की पत्नी और मां भी हादसे में घायल हुई हैं। जगदीश शर्मा प्रवीण के मामा बताए जा रहे हैं। वे भी यात्रा पर गए थे। उनकी बेटी दुर्गा की इस हादसे में जान चली गई। दुर्गा परिवहन नगर के स्कूल में 7वीं पढ़ाई करती थी। तीसरा परिवार सुभाष शर्मा का था। वे पत्नी रानी, बेटी खुशी, अन्नू, मयंक के साथ यात्रा पर गए थे। वे सियांगज में हार्डवेयर व्यवसाय से जुड़े हैं। सुभाष भी प्रवीण के मामा और जगदीश के भाई हैं। इसके अलावा प्रवीण के एक जीजा, जिनका नाम भी जगदीश है, भी पंडिताई करते हैं। वे कन्नौद क्षेत्र के रहने वाले हैं। वे यात्रा पर बेटे और बेटी को लेकर गए थे। हादसे में बेटे की जान चली गई। माधव यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। इनके एक अन्य रिश्तेदार शुभम शर्मा पत्नी शिवानी और बेटे को भी यात्रा पर लेकर गए थे। वहीं एक रिश्तेदार अशोक शर्मा भी परिवार के साथ यात्रा पर गए थे।
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