इंदौर। शासन (Governance) की मंजूरी के बाद प्राधिकरण (authority) ने आज 5 योजनाओं का ड्राफ्ट प्रकाशित किया है। नए लैंड पूलिंग एक्ट (Land Pooling Act) के तहत 1732 एकड़ निजी जमीनों (Private Lands) पर टीपीएस (TPS) के तहत ये योजनाएं घोषित की गई हैं। अब महीने भर जमीन मालिकों से शासन के गजट नोटिफिकेशन (Gazette Notification) के पश्चात दावे-आपत्तियां ली जाएंगी और फिर प्राधिकरण (authority) की कमेटी उनकी जांच कर सुनवाई की प्रक्रिया करेगी। साढ़े 4 माह का समय प्राधिकरण के पास इस पूरी प्रक्रिया के लिए रहेगा और फिर वह शासन को मंजूरी के लिए इन योजनाओं को भिजवाएगा, जिस पर शासन को भी डेढ़ माह के भीतर निर्णय करना होगा। यानी अगले 6 महीने में ये पांचों योजनाएं जमीनी धरातल पर उतर आएंगी। 50 फीसदी अविकसित जमीन मालिकों को वापस लौटा दी जाएगी।
पिछले दिनों अग्निबाण ने जानकारी दी थी कि इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) हफ्तेभर में शासन से मंजूर योजनाओं का ड्राफ्ट प्रकाशित कर देगा, जिसके चलते आज प्राधिकरण ने ड्राफ्ट प्रकाशन की जाहिर सूचना समाचार-पत्रों में प्रकाशित करवा दी। प्राधिकरण के सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक लैंड पूलिंग एक्ट के तहत ये 5 योजनाएं पिछले दिनों शासन से स्वीकृत होकर आ गई थीं। इसके बाद दो अन्य योजनाएं भी मंजूर हुईं, जिनका कुछ दिनों बाद ड्राफ्ट प्रकाशित कर दिया जाएगा। अभी टीपीएस-1 की 48.092 हेक्टेयर, टीपीएस-3 की 143 हेक्टेयर, टीपीएस-4 की 80 हेक्टेयर, टीपीएस-5 की 150.789 हेक्टेयर और टीपीएस 8 की 278.179 हेक्टेयर, यानी लगभग 700 हेक्टेयर, जो कि 1732 एकड़ जमीन होती है, के ड्राफ्ट का प्रकाशन किया जा रहा है। शासन संभवत: कल या अगले हफ्ते इनका गजट नोटिफिकेशन कर देगा, जिसके बाद 30 दिनों तक जमीन मालिकों, किसानों की दावे-आपत्तियां ली जाएंगी। टीपीएस-1 में ग्राम खजराना, टीपीएस-3 में लसूडिय़ामोरी, तलावली चांदा, अरण्ड्या, मायाखेड़ी, कनाडिय़ा, टीपीएस-5 में भी कनाडिय़ा, टीपीएस-4 में निपानिया, टीपीएस-8 में भौंरासला, शक्करखेड़ी, कुमेर्डी, भांग्या, लसूडिय़ामोरी, कैलोदहाला, तलावली चांदा की जमीनें शामिल की गई हैं। लैंड पूलिंग एक्ट के तहत घोषित इन योजनाओं में 50 फीसदी अविकसित जमीन मुआवजे के तौर पर वापस उनके मालिकों, किसानों को लौटा दी जाएगी। टीपीएस-7 की जगह सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) पर नई टीपीएस-10 और बायपास पर टीपीएस-6 की जगह टीपीएस-9 को घोषित किया गया है, जिसकी मंजूरी शासन को अभी देना है। 50 प्रतिशत बची जमीन प्राधिकरण के पास रहेगी, जिसमें से 20 प्रतिशत जमीन मास्टर प्लान (Master Plan) और योजना में दर्शाई सडक़ों के निर्माण पर, 10 फीसदी जमीन ग्रीन बेल्ट और शेष 20 फीसदी पर प्राधिकरण भूखंड बेचेगा।
छोटे-बड़े जमीन मालिकों को सडक़ का भूखंड भी मिलेगा
प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय (Authority CEO Vivek Shrotriya) का कहना है कि इन 5 योजनाओं में शामिल निजी जमीनों के अभिन्यास तैयार करवाए गए हैं। 50 फीसदी जमीन वापस लौटाई जाएगी। उसमें यह ध्यान रखा गया है कि छोटे-बड़े सभी तरह के जमीन मालिकों को कम से कम 1 भूखंड सडक़ से लगा हुआ भी मिल जाए। मास्टर प्लान और प्रमुख सडक़ों का निर्माण इन योजनाओं में प्राधिकरण योजनाओं के अंतिम प्रकाशन और मंजूरी के बाद शुरू करेगा। जो 20 फीसदी जमीन प्राधिकरण को मिलेगी, उस पर भूखंड विक्रय कर सडक़ निर्माण और अन्य विकास कार्यों की राशि हासिल की जाएगी। न लाभ न हानि की तर्ज पर इन योजनाओं को विकसित किया जाएगा।
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