मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में 100 करोड़ रुपए वसूली के मामले में नाटकीय मोड़ आ गया है। पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (former commissioner Parambir Singh) ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (former home minister Anil Deshmukh) पर 100 करोड़ की उगाही का आरोप लगाकर सियासी भूचाल ला दिया था। अब परमबीर सिंह ने आरोप की जांच करने वाले चांदीवाला आयोग (Chandiwala Commission) को एफिडेविट (affidavit) दिया, जिसमें स्पष्ट किया कि उनके पास अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह सिद्ध होता है कि उन्होंने 100 करोड़ रुपए की उगाही का आदेश दिया था। महाराष्ट्र सरकार ने देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह (Parambir Singh) द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए न्यायाधीश कैलाशचंद उत्तमचंद चांदीवाला (Judge Kailashchand Uttamchand Chandiwala) की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया था। आयोग ने परमबीर सिंह को कई बार नोटिस दिया, लेकिन वे आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए। अब उनके द्वारा दिए गए हलफनामे से इस केस में नया मोड़ आ गया है। तीन दिन पहले ही पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया गया था, जबकि परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
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