उज्जैन। देशभर में दीपावली अमावस्या (Diwali Amavasya across the country) को मनाई जाती है, लेकिन उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के आंगन में दीपावली रूप चतुर्दशी (Diwali Roop Chaturdashi) को मनाई जाती है, लेकिन इस बार पंचांग में तिथियों के उलटफेर (Variation of dates in Panchang) के कारण दीपावली एक ही दिन याने 4 नवंबर को बाबा महाकाल के आंगन के साथ-साथ शहरवासी भी मनाएंगे। ऐसा उदयकाल में तिथि प्राप्त होने के चलते होगा।
ज्योतिषाचार्य पं.आनंदशंकर व्यास के अनुसार उज्जैन उत्तर भारत में आता है और यहां का पंचांग उसी अनुसार बनता है, लेकिन तत्कालिन सिंधिया रियासत के काल से महाकाल मंदिर में पंचांग दक्षिण भारत का चलता है। इसलिए बाबा महाकाल की श्रावण मास की सवारी भादौ के 15 दिन में आने वाले सोमवारों तक निकलती है। उन्होंने बताया कि इसबार कार्तिक मास की अमावस्या उत्तर भारत के पंचांग अनुसार 4 नवंबर को है। इस दिन देश दुनिया सहित शहरवासी भी दीपावली पर्व मनाएंगे। किंतु दक्षिण भारत के पंचांग अनुसार कार्तिक 4 नवंबर की प्रात: उदयकाल पूर्व तक त्रयोदशी प्राप्त होगी। उसके बाद चतुर्दशी लगेगी। ऐसा होने से चतुर्दशी मानी जाएगी और बाबा महाकाल के आंगन में दीपावली पर्व मनाया जाएगा। इसीलिए गुरूवार,4 नवंबर को प्रात: भस्मार्ती पश्चात देव दीपावली मनाई जाएगी।
गर्म जल स्नान प्रारंभ होगा 4 नवंबर से
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर गुरूवार प्रात: बाबा महाकाल को अभ्यंग स्नान करवाया जाएगा। भगवान को उबटन लगाया जाएगा तथा शीत ऋतु का प्रारंभ मानते हुए गर्म जल से स्नान प्रारंभ किया जाएगा।
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