हरिद्वार। खुशियों और प्रकाश का पर्व दीपावली (Deepawali) इस बार 4 अक्टूबर गुरुवार को है। इस दिन मां महालक्ष्मी और भगवान गणेश (Maa Mahalakshmi and Lord Ganesha) की विशेष पूजा-अर्चना (Special worship) का विधान है। महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपावली का पर्व सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसे में दीपावली के दिन शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से समृद्धि और खुशहाली आती हैं।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक दीपावली के दिन प्रातः काल स्नान इत्यादि करने के घर में मां लक्ष्मी की पूजन करना चाहिए। इस दिन माता लक्ष्मी के पूजन का विशेष मुहुर्त 5.20 से 7.55 तक है। इसके साथ ही जो स्थिर लग्न वृष 6.10 से 8.50 तक महालक्ष्मी का विशेष पूजन होगा, जो अत्यंत शुभ रहेगा। दुकान और प्रतिष्ठानों में स्थिर मुहूर्त में पूजन करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी। इसके साथ ही चौघडि़या अमृत योग में भी पूजन का समय 5.20 से 8.40 तक रहेगा। अर्धरात्रि में महानिशा मुहूर्त में पूजन का काल 11.30 से 12.30 तक का होगा। तंत्र साधना के लिए पूजन रात्रि 12.30 से लेकर के 2.50 तक का रहेगा। इस काल में जप, होम इत्यादि के द्वारा मंत्र की सिद्धि की जाती है।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक महालक्ष्मी के पूजन की विधि और पूजा सामग्री अपने सामर्थ्य अनुसार करें। महालक्ष्मी की मट्टी, तांबा या सोने-चांदी की मूर्ति के साथ भगवान गणेश के मूर्ति की स्थापना करें। प्रतिमा को दूध और पंचामृत से स्नान कराकर गंगा जल या जल से स्नान कराएं। और सामर्थ्य के अनुसार पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन करें। इसके साथ ही भगवान इंद्र और कुबेर आदि देवताओं का पूजन करें। लक्ष्मी के साथ मां के जो आठ रूप हैं उन अष्ट लक्ष्मी का पूजन भी करना चाहिए।
पंद. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक राशि के अनुसार पूजन करने से विशंेष लाभ होता है। मेष राशि वालों को रक्त वस्त्र पहनकर लाल पुष्प व अन्य लाल सामग्री से लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। वृष राशि वालों को पीले कपड़े पहनकर और पीला चंदन, केला और मिठाइयां व घी का दीपक जलाकर पूजन करना चाहिए। मिथुन राशि के लोगों को हल्का हरा रंग पहनकर, नीले पुष्पों से लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। कर्क राशि वालों को घी का दीपक जलाकर और पूजन की समस्त सामग्रियों सहित लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। सिंह राशि वालों को हल्का रक्त वस्त्र पहनकर पूरब की ओर मुख करके लक्ष्मी और कुबेर का पूजन करना चाहिए। साथ में अष्ट सिद्धियों का भी करें। कन्या राशि वालों को हल्के श्वेत और पीत युक्त कपड़े पहन कर लक्ष्मी पूजन करना चाहिए। इसके साथ ही अनार के फल चढ़ाने चाहिए। तुला राशि वालों को लक्ष्मी की पूजा करने से पहले स्वर्ण आभूषणों को पहन कर लक्ष्मी प्रतिमा पंचामृत से स्नान कराकर पूजन करना चाहिए। वृश्चिक राशि वालों को स्वर्ण के आभूषण धारण कर गन्ना के साथ पूजा करनी चाहिए। धनु राशि वालों को लक्ष्मी सहित कुबेर आदि देवताओं का पूजन करनी चाहिए और कनकधारा स्तोत्र पाठ करें। मकर राशि वालों को स्वर्ण आभूषण पहनकर पूजन करना चाहिए। कुंभ राशि वालों को विशेषकर स्त्रियां अपने समस्त आभूषणों को पहनकर व चावल से भरे बड़े कटोरे में दीये जलाकर पूजा करे। मीन राशि वालों को महालक्ष्मी के पूजन के साथ खीर का भोग लगाएं। (एजेंसी, हि.स.)
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