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    कोर्ट ने CM केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत सभी को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला

    November 01, 2021

    नई दिल्ली: चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले को लेकर अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) समेत अन्य को नोटिस जारी किया है. अंशु प्रकाश ने दिल्ली की एक अदालत में इस बाबत अपील दायर की थी. इसमें उन्होंने केजरीवाल और सिसोदिया समेत मामले के सभी 9 आरोपियों को बरी करने पर सवाल उठाया था. इसके बाद ही स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत अन्य 9 आरोपियों को जवाब देने को कहा है. अब इस मामले की सुनवाई 23 नवंबर को होगी.

    कोर्ट में सुनवाई के दौरान अंशु प्रकाश की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अधिवक्ता कुमार वैभव ने जज से कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत ने अपने अगस्त के आदेश में केजरीवाल और अन्य को आरोप-मुक्त करने में गलती की है. अंशु प्रकाश ने खान और जारवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) सहित अतिरिक्त आरोप तय करने का भी अनुरोध किया है.

    11 विधायकों को आरोप मुक्त करने पर सवाल
    अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित हाथापाई से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के नौ अन्य विधायकों को बुधवार को आरोप-मुक्त कर दिया था. आप के दो विधायक, अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया गया था. दोनों को ही उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है.


    गौरतलब है कि बीते दिनों सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 11 विधायकों को बरी कर दिया गया था. इसके खिलाफ अंशु प्रकाश ने मामले को लेकर अपील दायर की, जिस पर आज कोर्ट ने सभी 9 आरोपियों को जवाब दायर करने के लिए नोटिस भेजा है. अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के केस में 13 लोग आरोपी थे, जिनमें से केवल 2 विधायकों के खिलाफ ही अदालत ने आरोप तय किए थे. इनमें आप एमएलए प्रकाश जरवाल और अमानतुल्लाह खान शामिल हैं.

    2018 का है मामला
    आपको बता दें कि यह आपराधिक मामला 19 फरवरी, 2018 को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान प्रकाश पर कथित हमले से जुड़ा है. इस घटना के बाद से दिल्ली सरकार और उसके नौकरशाहों के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया था. इस केस में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के अलावा आम आदमी के 9 अन्य विधायकों को भी आरोपी बनाया गया था. इनमें नितिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार व दिनेश मोहनिया शामिल हैं.

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