वाशिंगटन। कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ती जा रही है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार दुनिया में अब तक कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों का आंकड़ा 50 लाख (50,16,880) के पार पहुंच गया है और कुल 25 करोड़ लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं।
लगभग दो वर्षों से चले आ रहे इस संकट ने गरीब देशों के साथ-साथ अमीर देशों में भी तबाही मचा दिया है। इस जानलेवा महामारी ने लोगों की जान तो ले ही ली साथ ही साथ अर्थव्यवस्था को भी चौपट कर दिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और ब्राजील में 25 लाख से अधिक मौतें हुई हैं। अकेले अमेरिका की बात करें तो यहां 740,000 से अधिक लोगों ने जान गंवाई है, जो किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक है।
महामारी ने तोड़े कई रिकॉर्ड
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार मरने वालों की संख्या, लॉस एंजिल्स और सैन फ्रांसिस्को की संयुक्त आबादी के बराबर है। पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ओस्लो के अनुमानों के मुताबिक, यह 1950 के बाद से राष्ट्रों के बीच लड़ाई में मारे गए लोगों की संख्या के आसपास है। विश्व स्तर पर कोरोना महामारी अब हृदय रोग और स्ट्रोक के बाद मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है।
वायरस का स्थानांतरण जारी
प्रकोप शुरू होने के 22 महीनों में वायरस स्थानांतरित हो गए हैं। अब यह खतरनाक वायरस रूस, यूक्रेन और पूर्वी यूरोप के अन्य हिस्सों में फैल रहा है, खासकर वहां, जहां अफवाहें, गलत सूचना और सरकार में अविश्वास ने टीकाकरण के प्रयासों को प्रभावित किया है। यूक्रेन में, केवल 17 फीसदी वयस्क आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है जबकि आर्मेनिया में केवल 7 फीसदी।
उच्च-संसाधन वाले देश सबसे अधिक प्रभावित
कोलंबिया विश्वविद्यालय के वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र, आईसीएपी के निदेशक डॉ. वफ़ा अल-सदर ने कहा कि इस महामारी के बारे में सबसे अलग बात यह है कि इसने गरीब देशों के बजाय उच्च-संसाधन वाले देशों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। यह एक तरह से कोरोना महामारी की विडंबना है।
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