ग्वालियर। ग्वालियर (Gwalior) में बच्चा नहीं होने पर एक पति पत्नी को तलाक (divorce in court) दे रहा है। ये महिला भी उसकी दूसरी पत्नी है. पति ने फैमिली कोर्ट (family court) में आवेदन लगाकर कहा है कि उसकी शादी को 7 साल हो चुके हैं। इसके बाद भी पत्नी बच्चा नहीं दे पा रही. इसलिए तलाक चाहिए. उधर, पत्नी ने कोर्ट से कहा है कि मरते दम तक पति के ही साथ रहूंगी। मैं जब से पथरी का इलाज कराने मायके आई हूं, तभी से पति लेने नहीं आ रहे. मैं जाना चाहा तो मना कर दिया।
कोर्ट ने दोनों की काउंसलिंग के लिए कहा है, लेकिन पति तलाक की बात पर अड़ा हुआ है. इस शख्स ने पहली पत्नी को भी बच्चा न होने की बात कहकर छोड़ दिया था. 41 साल के पति ने पहली शादी 2009 में की थी और चार साल बाद 2013 में पत्नी को तलाक दे दिया था. इसके दो साल बाद उसने दूसरी शादी की।
बता दें युवक ने 13 अप्रैल 2015 को मुरार में रहने वाली युवती से दूसरी शादी की. यह विवाह दोनों परिवारों की सहमति से हुआ था. शादी के 7 साल होने के बाद भी महिला मां नहीं बन सकी. इसे लेकर घर में विवाद होने लगा. इसी बीच चेकअप कराने पर डॉक्टरों ने महिला को बताया कि उसके शरीर में पथरी है। इसकी वजह से उसे किडनी का दर्द हो रहा है।
पत्नी ने लगाया घर वापसी का आवेदन
महिला ने बताया कि पथरी के इलाज के लिए फरवरी में पिता के घर चली गई. उसके बाद से पति उसे लेने नहीं गया. महिला के पिता भी जब घर भेजने की बात करते तो पति कह देता अब भेजने की जरूरत नहीं है. पति कहता है कि अब उसे साथ नहीं रख सकता. पत्नी पढ़ी-लिखी नहीं है और उसे घर के काम के अलावा कुछ और नहीं आता. इसी दौरान पति तलाक लेने फैमिली कोर्ट चला गया. उसने पत्नी के मां बन पाने को तलाक का आधार बनाया है. उसे अपना वंश आगे बढ़ाना है. जब पत्नी को तलाक की जानकारी मिली तो उसने भी फैमिली कोर्ट में घर वापसी का आवेदन लगा दिया।
पत्नी ने लगाए यह आरोप
पत्नी ने पति और ससुराल पक्ष फैमिली कोर्ट में आरोप भी लगाए हैं. पत्नी का कहना है कि वह पति से तलाक नहीं चाहती, बल्कि तब तक साथ रहेगी, जब तक मर नहीं जाती. महिला ने कोर्ट से कहा कि पति और ससुराल का विवाह के कुछ दिन तक अच्छा व्यवहार रहा, पर बाद में बदल गया. वे हर वक्त दहेज मांगते थे और खाना भी अच्छा नहीं देते थे. बीमार होने पर भी पति उसे इलाज के लिए नहीं ले जाते थे. पिता ही इलाज कराते थे।
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