• img-fluid

    सिर्फ सांस की बीमारी ही नहीं बल्कि वायु प्रदूषण इस खतरनाक रोग की भी है वजह

  • October 31, 2021

    डेस्क: वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह से लोगों को सांस संबंधी बीमारियों से जूझना पड़ता है. लेकिन अब इसका असर स्पर्म की संख्याओं (Sperm Count) पर पड़ रहा है. रिसर्चर्स ने दिखाया कि कैसे वायु प्रदूषण मस्तिष्क में सूजन पैदा करके स्पर्म की संख्या को कम करता है. यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन (यूएमएसओएम) के रिसर्चर्स द्वारा किए गए अध्ययन के नतीजे ‘एनवायर्नमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव’ जर्नल में प्रकाशित हुए थे. वैज्ञानिक पहले से ही जानते हैं कि तनावपूर्ण परिस्थितियों में मस्तिष्क का प्रजनन अंगों से सीधा संबंध होता है जो प्रजनन क्षमता और स्पर्म की संख्या को प्रभावित करता है.

    उदाहरण के लिए, भावनात्मक तनाव महिलाओं में मासिक धर्म को बिगाड़ देता है. हालांकि, ये नया अध्ययन बताता है कि कैसे प्रदूषित हवा प्रजनन क्षमता को कम करता है. यूएमएसओएम में मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर और प्रमुख अध्ययन लेखक झेकांग यिंग ने कहा, हमारे निष्कर्षों से पता चला है कि वायु प्रदूषण के कारण होने वाले नुकसान को चूहों के दिमाग में एक सूजन मार्कर को हटाकर दूर किया जा सकता है. ये अध्ययन इस बात का सुझाव भी देता है कि हम ऐसे उपचार विकसित करने में सक्षम हो सकते हैं, जो बीमारी को खत्म करते हुए प्रजनन क्षमता पर वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव को कम कर सकता है.


    मस्तिष्क में सूजन की वजह से होती हैं ये बीमारियां
    एमडी और पीएचडी चार्ल्स होंग और मेल्विन शारोकी ने कहा, इन नतीजों का सिर्फ प्रजनन क्षमता की तुलना में व्यापक प्रभाव है, क्योंकि उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय जैसी कई स्थितियां हैं. ये बीमारियां वायु प्रदूषण के कारण मस्तिष्क की सूजन की वजह से हो सकती है. दुनिया की लगभग 92 फीसदी जनसंख्या ऐसे इलाकों में रहती हैं, जहां 2.5 माइक्रोमीटर व्यास से छोटे वायु में सूक्ष्म कणों का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित न्यूनतम सुरक्षा मानकों से अधिक है. ये कण कार के प्रदूषण, कारखाने के उत्सर्जन, जंगल की आग और लकड़ी से जलने वाले स्टोव जैसे स्रोतों से आ सकते हैं.

    पिछले अध्ययनों में पता चला कि कुछ परिणामों से पता चला है कि वायु प्रदूषण के संपर्क में आने वाले चूहों में हमेशा सूजन नहीं होती है. इसका मतलब ये है कि कुछ अन्य अंग संभावित रूप से कम स्पर्म के लिए जिम्मेदार हैं. इस नए अध्ययन के लिए रिसर्चर्स ने स्वस्थ चूहों और मस्तिष्क में सूजन के एक मार्कर की कमी से जूझ रहे चूहों का परीक्षण किया. इसे इनहिबिटर कप्पा किनसे 2 या आईकेके 2 कहा जाता है. ये विशेष रूप से मस्तिष्क के न्यूरॉन्स में मौजूद होते हैं. रिसर्चर्स ने दोनों चूहों को वायु प्रदूषण में रखा और फिर स्पर्म काउंट के नतीजे को रिकॉर्ड किया.

    Share:

    T20 World Cup: मैच से पहले Sunil Gavaskar ने विराट को चेताया, ये काम नहीं करने की दी सलाह

    Sun Oct 31 , 2021
    नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) की आईसीसी टी20 विश्व कप (ICC T20 World Cup-2021) की शुरुआत अच्छी नहीं रही है. उसे अपने पहले मैच में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के बाद ही टीम इंडिया के संयोजन पर सवाल किए जा […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved