भोपाल। दीपावली 2 से 6 नवंबर तक मनाई जाएगी। ज्योतिर्विदों के मुताबिक इस दौरान कई मंगलकारी योग बनेंगे। धनतेरस पर तीन गुना फल देने वाला त्रिपुष्कर योग रहेगा। रूप चतुर्दशी पर दीपदान और अभ्यंग स्नान को लेकर विचित्र स्थिति बनी है। देवी महालक्ष्मी का पूजन प्रीति-आयुष्मान योग के साथ स्वाति नक्षत्र के मंगलकारी संयोग में होगा। 5 नवंबर को सौभाग्य योग में गोवर्धन पूजा और 6 नवंबर को अनुराधा नक्षत्र में भाई दूज मनाई जाएगी। ज्योतिर्विद् राजेश चौबे के अनुसार 2 नवंबर को धनतेरस पर निवेश का तीन गुना लाभ देने वाला त्रिपुष्कर योग बनेगा। इस दिन द्वादशी तिथि सुबह 11.31 बजे तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी लगेगी। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र 11.44 तक और इसके बाद हस्त नक्षत्र रहेगा। इस महामुहूर्त पर भगवान धन्वंतरि के अतिरिक्त धन-संपदा में वृद्धि के लिए लक्ष्मी-कुबेर का पूजन किया जाएगा। अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए गोधूलि बेला में दीप दान किया जाएगा।
रूप चतुर्दशी पर सुंदरता की कामना, करेंगे अभ्यंग स्नान
आचार्य शिवप्रसाद तिवारी के मुताबिक सुंदरता की कामना के साथ भगवान कृष्ण के पूजन का पर्व रूप चतुर्दशी 3 नवंबर को मनाया जाएगा। हालांकि तिथि पर बनी विचित्र स्थिति के चलते रूप चतुर्दशी का दीपदान 3 नवंबर जबकि सूर्योदय के पूर्व किया जाने वाला अभ्यंग स्नान महालक्ष्मी पूजन के दिन 4 नवंबर को किया जाएगा। चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 3 नवंबर को सुबह 9.02 बजे होगी जो 4 नवंबर को सुबह 6.03 बजे तक रहेगी। प्रदोष काल में दीपदान 3 नवंबर को जबकि नरक से मुक्ति के लिए अभंग्य स्नान 4 नवंबर को किया जाएगा।
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