काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान (Taliban) के डर से हजारों की संख्या लोगों ने अपने देश को छोड़ दिया. ये सभी लोग तालिबान की क्रूरता(brutality of taliban) और मनवाधिकारों का हनन (human rights abuses) करने वाले नियमों से भयभीत थे. तालिबान की क्रूरता(brutality of taliban) का एक बार फिर से खुलासा हुआ है. तालिबान (Taliban) ने नंगरहार प्रांत (Nangarhar province) में 13 लोगों की नृशंस रूप से हत्या (13 people killed) कर दी. तालिबान के इस क्रूर कृत्य का दावा पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) ने शनिवार को एक ट्वीट में किया.
पाकिस्तान को ठहराया जिम्मेदार
पूर्व उपराष्ट्रपति ने तालिबान की इस क्रूरता के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 25 साल तक उन्हें अफगान संस्कृति को मारने और हमारी धरती को नियंत्रित करने के लिए इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस-अनुरूप कट्टरता के साथ बदलने के लिए प्रशिक्षित किया और अब यह अब काम कर रहा है.
गौरतलब है कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर अधिकार कर लिया था इसके साथ ही उनसे पूरे देश पर अपना नियंत्रण बना लिया था. तालिबान ने कब्जे के बाद कई वादे किए लेकिन एक बार फिर से अफगानिस्तान में नागिरकों की हत्या का दौर शुरू हो गया है. अफगानिस्तान की जनता तालिबान के नियमों से खौफजदा है. तालिबान ने टीवी पर म्यूजिक सुनने और महिलाओं की आवाज आने पर भी रोक लगा दी है.
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