नई दिल्ली। भारतीय पूंजी बाजार के इतिहास में पेटीएम सबसे बड़ा आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम) लेकर आ रही है। खुदरा निवेशकों के लिए पेटीएम का यह आईपीओ आठ नवंबर को खुलेगा और 10 नवंबर को बंद होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications) ने अपने आईपीओ का साइज 16,600 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 18,300 करोड़ रुपये कर दी है।
बढ़ी साइज का इस्तेमाल ऑफर फॉर सेल (OFS) के लिए होगा। रिपोर्ट के मुताबिक पेटीएम अपने इस कदम से दुनिया की शीर्ष 50 सबसे मूल्यवान सूचीबद्ध कंपनियों में शामिल हो जाएगी। पेटीएम आईपीओ भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है, जो अक्तूबर 2010 में उठाए गए 15,745 करोड़ रुपये के कोल इंडिया के सार्वजनिक निर्गम से आगे निकल गया है।
Redseer प्रबंधन परामर्श कंपनी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम वर्तमान में उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए भारत की अग्रणी डिजिटल इकोसिस्टम है। जिसमें 30 जून, 2021 तक 3.37 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपभोक्ता और 2.18 करोड़ से अधिक पंजीकृत व्यापारी हैं। 2,150 रुपये के प्राइस बैंड के साथ पेटीएम का पोस्ट-मनी वैल्यूएशन 1,39,378.84 करोड़ रुपये का होगा, जो इसे सूचीबद्ध कंपनियों के बीच बाजार पूंजीकरण के मामले में 36 वें स्थान पर ले जाएगा।
पेटीएम का आईपीओ BSE और NSE में 18 नवंबर को सूचीबद्ध होगा
यह आईपीओ BSE और NSE में 18 नवंबर को सूचीबद्ध होगा। यानी 18 नवंबर से पहले-पहले निवेशकों को पता चल जाएगा कि वह सफल हुए या नहीं। आम तौर पर जब कोई कंपनी अपना आईपीओ लाती है तो वह ओएफएस के जरिए मौजूदा प्रमोटरों को हिस्सेदारी घटाने या बेचने का मौका देती है। यह प्रोसेस आईपीओ के साथ चलता है। इसलिए इसे पारदर्शी तरीका माना जाता है। कई बार कंपनियां मिनिमम शेयरहोल्डिंग के नियम का पालन करने के लिए भी OFS का रास्ता चुनती हैं।
जानिए क्या है आईपीओ (IPO)
जब कंपनियों को पूंजी की जरूरत होती है तो ये खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराती हैं और इसका सबसे कारगर तरीका है IPO यानी (Initial Public Offer) जारी करना। शेयर मार्केट में सूचीबद्ध होने के लिए प्राइवेट कंपनी जो IPO जारी करती है, असल में वो बड़ी संख्या में आम लोगों, निवेशकों और अन्य को कंपनी के शेयर अलॉट करती है। IPO में जो शेयर अलॉट होते हैं, वो आमतौर पर BSE या NSE जैसे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होते हैं।
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