इंदौर। एंटी माफिया (anti mafia) के चल रहे अभियान में फर्जी मीडियाकर्मियों (fake media persons) को भी नहीं बख्शा जाएगा। पिछले दिनों पुलिस-प्रशासन (police-administration) ने ऐसे कुछ फर्जी पत्रकारों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किए और आम जनता से लेकर व्यापारियों से कहा गया कि उन्हें डराने-धमकाने वाले ऐसे तत्वों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाएं।
कल भी प्रशासन ने मल्टी सिस्टम ऑपरेटरों (Multi System Operators) की बैठक ली, जिसमें दो टूक हिदायत दी गई कि अवैध रूप से न्यूज चैनल चलाने वाले, खासकर यूट्यूब, वेबसाइट और व्हाट्सएप (Youtube, Website, Whatsapp) पर बिना तथ्यों के खबर चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इन दिनों कुकुरमुत्तों की तरह ऐसे ढेरों पत्रकार नजर आने लगे हैं, जो कैमरे, माइक या मोबाइल लेकर रिकॉर्डिंग करते हुए अवैध उगाई में लिप्त रहते हैं। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने ऐसे फर्जी मीडियाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। यूट्यूब चैनल (YouTube Channel) एवं व्हाट्सएप पर की जा रही पत्रकारिता को चिन्हित किया जाए एवं प्रशासन द्वारा उनके विरुद्ध कार्रवाई कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की गरिमा को बनाये रखने में सहयोग दिया जाए। यह मांग केबल टीवी डिजिटाइजेशन से संबंधित समीक्षा बैठक के दौरान मल्टी सिस्टम ऑपरेटर द्वारा अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पवन जैन के समक्ष रखी गई थी।
विज्ञापनों के लिए धमकाने वाले अखबारों पर भी होगी कार्रवाई
फर्जी मीडियाकर्मियों (fake media persons) की भीड़ के साथ ही विज्ञापन के लिए भी तमाम कारोबारियों, बिल्डर, कालोनाइजरों (Businessmen, Builder, Colonizers) से लेकर अन्य को डराया-धमकाया भी जाता है। यहां तक कि प्रमुख अखबारों में प्रकाशित विज्ञापनों को भी मनमर्जी से प्रकाशित कर उनके बिल भिजवा दिए जाते हैं और फिर भुगतान के लिए दबाव बनाया जाता है। कई इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनल और अन्य संस्थाओं में तो पत्रकारों की भर्ती ही इस शर्त पर की जाती है कि वे अधिक से अधिक विज्ञापन बटोरेंगे और उन्हें वेतन की बजाय कमीशन ही दिया जाता है। ऐसे डरा-धमकाकर विज्ञापन मांगने वालों के खिलाफ भी पुलिस-प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।
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