सहकारिता विभाग ने धारा 72डी के तहत जारी किए आदेश, सीजेएम कोर्ट में चलेगा आपराधिक प्रकरण, अन्य गड़बडिय़ां भी होंगी उजागर
इंदौर। चर्चित (Popular) और भूमाफियाओं (Land Mafia) के कब्जे (Possession) वाली संस्थाओं (Institutions) में शामिल जय हिन्द गृह निर्माण (Jai Hind Home Construction) के 13 संचालकों के खिलाफ उपरजिस्ट्रार सहकारिता विभाग (Cooperative Department) ने धारा 72 (डी/घ) (1) के अंतर्गत आपराधिक कृत्य प्रामाणित करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायालय के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत करने के निर्देश अपने वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक को दिए हैं। इन संचालकों पर आरोप है कि इन्होंने 18 भूखंड पति-पत्नी को ही आवंटित कर डाले।
गृह निर्माण संस्था (Home Construction Society) में यह नियम है कि एक ही परिवार में एक से अधिक व्यक्ति सदस्य नहीं बन सकते, लेकिन जय हिन्द गृह निर्माण ने एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को भी भूखंड आवंटित कर डाले। इनमें 18 भूखंड पति-पत्नी को ही दे डाले। जय हिन्द गृह निर्माण के संबंध में बीते कई समय से शिकायतें मिलती रही हैं। देवगुराडिय़ा स्थित जमीन को भी दीपक मद्दे सहित अन्य ने कब्जे में ले लिया और बहुमंजिला इमारत का कब्जा भी पास करवा लिया था। सहकारिता विभाग के उपरजिस्ट्रार मदन गजभिये (Sub-Registrar Madan Gajbhiye) ने कल 13 संचालकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण प्रस्तुत करने के आदेश पारित किए और वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक डीपी खरिया (DP Kharia) को इसके लिए अधिकृत किया। इस आदेश में संस्था के 13 संचालक शामिल हैं, जिसमें गोपालसिंह परिहार अध्यक्ष, सुभाष बंसल उपाध्यक्ष और संचालकों में कमलेश भंडारी, बाबूलाल खंडेलवाल, बहादुरसिंह कोचर, संदीप यादव, राकेश टकले, सोनू काशीद, मयंक गवाड़े, उषा खंडेलवाल, स्वाति जैन के अलावा बाद के अध्यक्ष शमशुद्दीन चिस्ती और सोनाली घंटे शामिल हैं। जय हिन्द की अन्य अनियमितताएं भी अब जांच (Investigation) में उजागर होंगी।
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