पन्ना। पन्ना जिला खनिज कार्यालय (Panna District Mineral Office) सहित प्रदेश का इकलौता हीरा कार्यालय में स्वीकृत से एक तिहाई भी स्टॉफ नहीं है। अब उथली हीरा खदानों की मॉनीटरिंग (monitoring) कैसे हो स्वमेव अंदाजा लगाया जा सकता है यही कारण है कि स्वीकृत से कई गुना अधिक हजारों अवैध हीरा खदानें हीरा माफियाओं द्वारा चलाई जा रही है कोई देखने सुनने वाला नहीं है और कब किसे हीरा मिल गया यह भी कोई देखने सुनने वाला नहीं है। जिस कारण बमुश्किल 10 प्रतिशत हीरा ही हीरा कार्यालय में जमा हो पाता है। शेष 90 प्रतिशत हीरा कालाबाजारी की भेंट चढ़ जाता है।
रत्नगर्भा पन्ना की धरती में यूं तो कहीं भी हीरे मिल सकते है, लेकिन बृजपुर पहाडीखेरा क्षेत्र में करीब 50 किमी. के क्षेत्र में हीरा धारित पट्टी है, जहां अब करीब दो दर्जन क्षेत्रों मे हीरा खदानों के पट्टे हीरा कार्यालय जारी करता है। खदानों से चाल को निकालकर उसकी धुलाई करने के बाद उनकी बिनाई होती है। नियमानुसार हीरों की बिनाई के समय हीरा कार्यालय के प्रतिनिधि के रूप में चौंकीदार की उपस्थिति अनिवार्य होती है। चौंकीदार का काम होता है कि वह बिनाई से मिलने वाले हीरे को सुरक्षित तरीके से हीरा कार्यालय में जमा कराए।
अभी पन्ना और इटवां सर्किल में जारी हो रहे पट्टेः-
हीरा धारित पट्टी का करीब दो हजार हैक्टेयर क्षेत्र वन भूमि में जाने के बाद अब पन्ना और इटवां सर्किल की जमीनों में ही हीरा खदान संचालन के लिए पट्टे दिए जा रहे हैं। पन्ना सर्किल में जिन क्षेत्रों में हीरा खदानों के पट्टे दिए जा रहे हैं। उनमें कमलाबाई का तालाब, सकरिया(चौपरा), कृष्णा कल्याणपुर (पटी) और रक्सेहा की शासकीय जमीन शामिल है, जबकि दहलान चौंकी के लिए निजी जमीनों में भी हीरा खदानों के लिए पट्टे जारी किए जाते हैं। वहीं इटवां सर्किल में किटहा, इटवांखास(बगीचा) बडगडी (मुड्ढा हजारा), सिरस्वाहा(भरका), रमखिरिया, मडफा, सिरसा आदि क्षेत्र शामिल हैं। जिले के हीरा धारित पट्टी क्षेत्र में वृहस्पति कुंड के नीचे वाले क्षेत्र, पत्ता लिया, गलासा, बंबई, बुंदनी, सठनागर, सूढ़ा, घिनौचीधार जोहद, इनवास सहित दर्जनों ऐसे क्षेत्र हैं जहां सामान्यप दिनों में बडी संख्यां में हीरे की अवैध खदानें चलती हैं।
बढ रहे हीरो के चोरी व कालाबाजारी के मामलेः-
हीरों की बिनाई के दौरान किसी प्रतिनिधि के मौजूद नहीं रहने के कारण खदान लगाने वाले लोग हीरा मिलने की जानकारी कार्यालय को देने के बजाय हीरे को खुद ही रखकर बिचौलिये के माध्य म औने पौने दामों पर बेच देते हैं। इससे बीते कुछ सालों मे बहुत ही कम हीरे कार्यालय में जमा हो पाये हैं। इसके बीते सालो में हीरे की कालाबाजारी एवं चोरी व ठगी की के अपराधों में भी इजाफा हुआ है। एजेंसी
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