कटहल (Jackfruit) पेड़ से प्राप्त आकार में दुनिया का सबसे बड़ा फल है। कटहल पोष्टिक तत्वों से भरपूर फल है। इसे कई तरह से बनाकर खाया जा सकता है। इससे सब्जी बनाई जाती है। कटहल से अचार, पकौड़े भी बनाए जाते हैं। पका हुआ कटहल फल के रूप में चाव से लोग खाते हैं। कटहल के अंदर कई पौष्टिक तत्व (nutrients) मौजूद होते हैं। विटामिन ए, सी, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्शियम(potassium, calcium), राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक जैसे तत्व कटहल में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा कटहल फाइबर का बहुत बड़ा स्रोत है।
कटहल में कैलोरी बहुत कम होती है। ऐसे में ये हार्ट से जुड़ी कई बीमारियों में भी फायेमंद है। कटहल में पाया जाने वाला पोटैशियम हार्ट से जुड़ी बीमारियों से बचाता है। कटहल आयरन का बहुत अच्छा स्रोत है जिसकी वजह से एनीमिया से बचाव होता है। इन सब कारणों से कटहल कई बीमारियों (diseases) में दवा की तरह काम करता है और इसलिए इसे सुपरफूड कहा जाता है।
एक कप कटहल की सब्जी में मौजूद पोषक तत्व
कैलोरी 157
फैट 2 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 38 ग्राम
प्रोटीन 3 ग्राम
कैल्शियम 40 मिलीग्राम
कटहल में सबसे ज्यादा फाइबर होता है। इसलिए यह कंस्टीपेशन को दूर करता है। इससे पेट की क्रिया सही ढंग से होती है। चूंकि इसमें फाइबर ज्यादा होता है, इसलिए यह भूख का एहसास कम दिलाता है। ऐसे में वजन कम करने के लिए कटहल फायदेमंद है।
कटहल में मौजूद रसायन पेट के अंदर फोड़ा-फुंसी नहीं होने देता है। इससे पेट के अंदर अल्सर नहीं बनता।
डायबिटीज मरीजों (diabetic patients) के लिए कटहल बहुत फायदेमंद है। ज्यादा फाइबर (fiber) होने के कारण इसका डाइजेशन बहुत देर से होता है। इसका मतलब यह हुआ कि खून में शुगर की मात्रा उतनी तेजी से नहीं बढ़ेगी जितनी तेजी से अन्य फ्रूट को खाने से बढ़ती है।
कटहल में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में मददगार साबित होता है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और बोन लॉस का जोखिम भी कम हो जाता है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल चिकित्सक की सलाह के रूप में न समझें। कोई भी सवाल या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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