नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने गुरुवार को कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय के उस बयान से व्यथित हैं(Distressed to learn), जिसमें कहा गया है कि पेगासस जासूसी विवाद की जांच के लिए समिति (Pegasus probe panel) का सदस्य बनने से कई लोगों (Many people) ने विनम्रता से मना कर दिया (Refused) है।
उनकी यह टिप्पणी शीर्ष अदालत द्वारा पेगासस स्पाइवेयर पर जांच समिति गठित करने के एक दिन बाद आई है। पूर्व मंत्री ने ट्विटर पर कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश में उस बयान से परेशान हूं कि पेगासस विवाद की जांच के लिए एक समिति का सदस्य बनने का अनुरोध करने पर कई लोगों ने विनम्रता से इनकार कर दिया।”
उन्होंने कहा, “क्या कोई कर्तव्यनिष्ठ नागरिक सर्वोच्च राष्ट्रीय हित के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के अनुरोध को अस्वीकार कर सकता है? यह प्रकरण दर्शाता है कि हमने महात्मा गांधी के इस उपदेश से कितनी दूर हो गए हैं कि भारतीयों को अपने शासकों से नहीं डरना चाहिए।”
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि पार्टी इस मुद्दे को संसद में उठाएगी।बुधवार को, शीर्ष अदालत ने तीन सदस्यीय तकनीकी समिति से यह जांच करने के लिए कहा कि क्या केंद्र, राज्य सरकार ने केंद्र और राज्य एजेंसी द्वारा देश के नागरिकों के खिलाफ उपयोग के लिए स्पाइवेयर के संबंध में इजाजत ली थी। यदि हां, तो किस कानून के तहत ऐसी तैनाती की गई थी।
अदालत ने समिति से स्पाइवेयर हमले से प्रभावित पीड़ितों और 2019 में व्हाट्सएप अकाउंट हैक होने के बाद केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण खोजने के लिए कहा।
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