भोपाल। खंडवा लोकसभा उपचुनाव (Khandwa by Election) के आखिरी दौर में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) का प्रचार चरम पर है. एक दूसरे की खामियां और कमियां यहां मुद्दा बन गयी हैं. कांग्रेस ने जर्जर सड़कों (dilapidated roads) को मुद्दा बना लिया है. उसने इन सड़कों पर बैल और घोड़ा गाड़ी चलाने की इजाजत प्रशासन से मांग ली है।
इंदौर से खंडवा के बीच करीब 130 किलोमीटर की लंबी सड़क जर्जर है। कांग्रेस ने इस पर चलाने के लिए घोड़ा गाड़ी और बैलगाड़ी की अनुमति मांगी है. जिसे चार्टर्ड हॉर्स परिवहन सेवा और राज्य परिवहन बैलगाड़ी सेवा नाम दिया गया है।
चार्टर्ड हॉर्स परिवहन सेवा और राज्य परिवहन बैलगाड़ी सेवा
खंडवा लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को घेरने में जुटी कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के खिलाफ अनूठा विरोध प्रदर्शन किया है. कांग्रेसियों ने इंदौर-खंडवा जर्जर सड़क मार्ग की ओर ध्यान दिलाने के लिए चार्टर्ड हॉर्स परिवहन सेवा और राज्य परिवहन बैलगाड़ी सेवा की शुरूआत की है. इसके लिए कांग्रेस ने सरकार से 200 बैलगाड़ी और 200 घोड़ा गाड़ी चलाने के लिए परमिट की मांग की है. इसकी शुरूआत इंदौर के नवलखा बस स्टैंड से की गई।
1 लाख का इनाम
कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने अनूठे तरीके से इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि खंडवा लोकसभा उपचुनाव में सीएम समेत कई केन्द्रीय नेता चुनाव प्रचार के लिए हेलिकॉप्टर से आ रहे हैं. लेकिन इस 130 किलोमीटर लंबी जर्जर सड़क के कारण आम जनता मुसीबत झेल रही है. बड़े बड़े गड्डे जानलेवा साबित हो रहे हैं. लेकिन किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति का ध्यान इस ओऱ नहीं हैं. ऐसे में सीएम समेत केन्द्रीय मंत्री यदि सड़क मार्ग से कार से चुनाव प्रचार करने जाएं तो उन्हें एक लाख का इनाम दिया जाएगा।
अगर किशोर कुमार जिंदा होते तो….
कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव तो ये भी कह गए कि इंदौर से खंडवा के बीच की सड़क की स्थिति ऐसी है कि यदि आज किशोर कुमार जिंदा होते तो ये सड़क देखकर खंडवा में बसने का सपना भी छोड़ देते. इसलिए राज्य सरकार इस रोड पर घोडा़ गाड़ी और बैलगाड़ी चलाने का परमिट दे दे. जिससे न पेट्रोल डीजल खर्च होगा. न एक्सीडेंट होंगे. क्योंकि कार और बैलगाड़ी से जाने में समय तो बराबर ही लग रहा है।
सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट
बीजेपी इसे कांग्रेस का पब्लिसिटी स्टंट बता रही है. गोविंद मालू का कहना है कांग्रेस पार्टी आदिम युग की मानसिकता, मुगलकालीन मानसिकता और अंग्रेजों की मानसिकता से उबर ही नहीं पा रही है. इसलिए बैलगाड़ी और घोड़ागाड़ी के युग में ले जाना चाह रही है. उन्हें आंदोलन चलाना विरोध करना भी नहीं आता है।
डेढ़ दशक से सड़क की मरम्मत नहीं
पिछले डेढ़ दशक में इंदौर से खंडवा मार्ग की मरम्मत नहीं हुई है. इसलिए स्थिति ये बन गई है कि यहां से रोज गुजरने वाले हजारों यात्रियों को जर्जर सड़क की वजह से नई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. करीब 70 किलोमीटर लंबे इंदौर से बड़वाह मार्ग की स्थिति तो ये है कि सड़क पर वाहन चलाना भी मुश्किल है. नतीजतन इंदौर से खंडवा के 130 किलोमीटर लंबे सफर में बस से भी 6 से 8 घंटे का वक्त लग रहा है. कार और बाइक से जाने वालों की हालत तो खराब हो जाती है. इसलिए उपचुनाव में ये मुद्दा जोर शोर से उठ रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved