नई दिल्ली। भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रही तनातनी के बीच चीन ने नई चाल चली है। चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के स्थाई सदस्यों की ओर से नया भूमि सीमा कानून पास किया गया है। इस कानून के तहत चीन सीमावर्ती इलाकों में अपनी दखल बढ़ाने जा रहा है। वह इन इलाकों में आम नागरिकों को बसाने की तैयारी कर रहा है, जिससे किसी भी अन्य देश के लिए इन इलाकों में सैन्य कार्रवाई और भी मुश्किल हो जाएगी।
क्या कहता है चीन का नया कानून
चीन अपने इस कानून को देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अहिंसक बता रहा है। इसके तहत चीन के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाएगी। इन इलाकों में आर्थिक, सामाजिक विकास के साथ सार्वजनिक क्षेत्रों और इंफ्रास्ट्रक्चर भी विकसित किया जाएगा। सीमावर्ती इलाकों में लोगों के रहने और काम करने के लिए सीमा सुरक्षा और आर्थिक, सामाजिक के बीच समन्वय बनाया जाएगा। यह कानून अगले साल एक जनवरी से लागू हो जाएगा।
भारत के सीमा विवाद पर पड़ेगा असर
भारत और चीन के बीच लंबा सीमा विवाद है। दोनों देशों के बीच एलएसी पर हुए समझौते को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। ऐसे में अक्सर चीन और भारत के बीच तनातनी का माहौल रहता है। लद्दाख सेक्टर में कई बार दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ चुके हैं और सीमा पर हिंसक झड़प भी हो चुकी है। ऐसे में चीन की ओर से पारित किया गया नया कानून भारत और चीन सीमा समझौते पर असर डाल सकता है और नया विवाद पैदा कर सकता है।
भारत और भूटान से है सीमा विवाद
चीन का सीमा विवाद भारत और भूटान से ज्यादा है। दोनों देशों के साथ चीन को सीमा समझौते को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। भारत और चीन के बीच एलएसी पर जहां 3488 किलोमीटर का सीमा विवाद है तो वहीं भूटान के साथ करीब 400 किलोमीटर का विवाद है। चीन ने करीब 12 अन्य देशों के साथ सीमा विवाद को खत्म किया है।
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