भोपाल। राजधानी भोपाल (Capital Bhopal) में डेंगू मरीजों की संख्या 500 के पार पहुंच गई है। मगर स्वास्थ्य विभाग (health Department) डेंगू बुखार को मौसमी बीमारियां बताकर पल्ला झाड़ रहा है। निजी अस्पताल (Private Hospital) में इलाज करा रहे डेंगू (Dengu) मरीजों की जांच रिपोर्ट नकारने के कारण स्वास्थ्य विभाग के डेंगू संबंधित सरकारी आंकड़ों व जमीनी हकीकत में बहुत बड़ा अंतर है। शहर के हर दूसरे घर में कोई न कोई सदस्य बीमार है, बल्कि कहीं-कहीं तो पूरा परिवार चपेट में चल रहा है। निजी अस्पतालों
(Private Hospitals) में भर्ती कई मरीजों में सारे लक्षण डेंगू बुखार के हैं, मगर स्वास्थ्य विभाग इन्हें डेंगू के मरीज मानने को सिर्फ इसलिए तैयार नहीं है, क्योंकि मरीज के परिजन इनका इलाज निजी डाक्टर या प्राइवेट अस्पतालों में करवा रहे हैं।
10 मरीजों को एक महीने में दोबारा हुआ डेंगू
राजधानी भोपाल में डेंगू मरीजों की संख्या 500 के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में 5 मरीज मिले। वहीं, कुछ दिन के भीतर 10 मरीज ऐसे भी मिले, जिन्हें 1 महीने में दोबारा डेंगू हो गया। डेंगू के ये मरीज शाहजहांनाबाद, जहांगीराबाद समेत अन्य इलाके के हैं। उधर, चिकुनगुनिया के भी 4 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। शहर में पिछले 52 दिनों में डेंगू के 395 नए मरीज मिले हैं। इससे पहले जनवरी से अगस्त 2021 तक सिर्फ 108 डेंगू के मरीज रिपोर्ट हुए थे। इससे यह आंकड़ा 503 पर पहुंच गया है।
ग्राउंड रिपोर्ट व सरकारी आंकड़ों में अंतर का मुख्य कारण
ग्राउंड रिपोर्ट यानी जमीनी हकीकत व सरकारी आंकड़ों में अंतर के मुख्य दो कारण हैं। पहला कारण यह कि स्वास्थ्य विभाग का निजी अस्पताल वालों पर कोई नियंत्रण नहीं है। अधिकांश निजी अस्पताल वाले स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन नहीं करते, न डेंगू मरीज संबंधित कोई जानकारी साझा करते हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की निजी अस्पताल में जाकर हकीकत जांचने की हिम्मत नहीं होती। कई बार विभाग के कुछ दबंग अफसरों ने कोशिश की तो राजनीतिक दबाव के चलते उन्हें नाकाम कर दिया गया। दूसरा प्रमुख कारण यह कि डेंगू की जांच रिपोर्ट को लेकर शासन की गाइड लाइन भी इस मामले में सबसे बड़ा अड़ंगा डालती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी तक डेंगू मरीजों की संख्या 503 ही है, जबकि निजी अस्पताल में भर्ती हर तीसरे-चौथे मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण हैं। निजी अस्पतालों की रैपिड टेस्ट रिपोर्ट भी डेंगू बुखार बताती है, मगर स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन इसे नहीं मानता।
अस्पतालों में लगी भीड़
मौसम में आए बदलाव के चलते लोगों को बुखार, सर्दी-जुकाम, सिर दर्द, खांसी, मांसपेशियों में दर्द आदि की शिकायतें हो रही हैं। इसलिए अस्पतालोंं में मरीजों की भीड़ लगी हुई है। हमीदिया, जयप्रकाश, काटजू के साथ प्राइवेट हॉस्पिटल में भीड़ है। एहतियातन लोग डेंगू की जांच करवा रहे हैं। जांच रिपोर्ट में डेंगू पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं।
स्पॉट फाइन कर रहा निगम
डेंगू के कहर को रोकने के लिए नगर निगम स्पॉट फाइन की कार्रवाई भी कर रहा है। ताकि लोगों में जागरूकता आ सके। पिछले 24 घंटे में 32 जगह डेंगू का लार्वा मिलने पर 4 हजार 300 रुपए का स्पॉट फाइन लगाया गया। इसके साथ कई इलाकों में कीटनाशक रसायनों का छिड़काव भी किया जा रहा है।
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