भोपाल। ईसाई मिशनरीज संस्था क्रिश्चियन फेडरेशन ऑफ इंडिया (CFI) भी धर्मांतरण के गंभीर आरोपों से घिर गई है। CFI में काम कर रहे कर्मचारियों ने संस्था के कर्ताधर्ताओं पर धर्मांतरण एवं दूसरे धर्म के लोगों के बीच Bible बांटने के गंभीर आरोप लगाए हैं। फिलहाल मामला भोपाल पुलिस (Bhopal Police) ने जांच में लिया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की है। इधर पुलिस में मामला सामने आने के बाद राजधानी स्थित संस्था के कार्यालय प्रमुख ने मोबाइल बंद कर लिया है। नौकरी से निकाली गईं 22 लड़कियां भी सामने आई हैं। ये सभी गर्भवती महिलाओं के लिए दो-तीन साल से काम कर रही थीं। उन्हें लोगों के बीच बाइबिल नहीं बांटने पर हटा दिया गया है।
धर्मांतरण के लिए काम नहीं करने पर संस्था के कर्मचारी राजेश खन्ना के खिलाफ अभद्र व्यवहार की शिकायत की। आरोपों में घिरी चैरिटेबल ट्रस्ट सीएफआई की संस्था एमसीआई की प्रभारी डॉक्टर प्रीति नायर ने इन आरोपों को नकार दिया। बुधवार को सभी कर्मचारियों को डॉक्टर प्रीति ने मिलने बुलाया था। यहां लड़कियों ने उन पर नौकरी से निकाले जाने के आरोप लगाए। हालांकि मदर चाइल्ड हेल्थ की प्रभारी डॉक्टर प्रीति नायर आरोपों को निराधार बताया है।
क्या है सीएफआई
सीएफआई चैरिटेबल ट्रस्ट है। इसके तहत सामाजिक कार्य जैसे एजुकेशन, महिलाओं और बच्चों के लिए काम करना। कोरोना के दौरान भी संस्था द्वारा सामाजिक कार्य करने का दावा किया जाता है। संस्था करीब 20 साल पुरानी बताई जाती है। इसके प्रमुख डॉक्टर साजि थॉमस हैं। हेड ऑफिस भोपाल के अयोध्या बायपास स्थित शंकर गार्डन में है।
संचालक ने बंद किया फोन
सीएफआई के संचालक साजी थॉमस ने जब इस संबंध में संपर्क किया तेा उन्होंने गाड़ी चलाने को लेकर बाद में बात करने को कहा। थोड़ी देर बाद ही उन्होंने फोन बंद कर लिया। संस्थान के अन्य कर्मचारी मैथ्यू थॉमस ने कहा कि वे संस्था के छोटे कर्मचारी हैं, उनके बॉस लोग हैं, जो सब देखते हैं।
सीएफआई के पक्ष में भोपाल पुलिस
सीएफआई पर धर्मांतरण के आरोपों की जांच कर रहे छोला थाना प्रभारी राजेश खन् ना ने संस्था का बचाव करते हुए कहा कि आरोप लगाने वाला व्यक्ति फर्जी है। उसे संस्था से निकाल दिया है, इसलिए वह ऐसे आरोप लगा रहा है। धर्मांतरण जैसी कोई बात नहीं है।
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