टीकमगढ़। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) समर्थक कई नेता और मंत्री अपने काम और बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं. फिर वो चाहें प्रद्युम्न सिंह हों या फिर इमरती देवी (Imarti Devi)। प्रद्युम्न सिंह का तो रोज ही कोई न कोई कारनामा सुर्खियां बनता है. आज इमरती देवी चर्चा में हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ((Jyotiraditya Scindia)) की सबसे वफादार समर्थकों में शुमार पूर्व मंत्री इमरती देवी को होर्डिंग में सिंधिया की तस्वीर नहीं दिखी तो वो नाराज हो गयीं। उन्होंने नाराजगी जताई और कहा अगर महाराज का फोटो नहीं दिखे तो हमारा खून सूख जाता है। इमरती देवी पृथ्वीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के लिए वोट मांगने पहुंची थीं. वहां लगे होर्डिंग्स में सिंधिया की फोटो नहीं दिखी तो वो अनमनी हो गयीं।
पृथ्वीपुर में प्रचार
पूर्व मंत्री इमरती देवी आज पृथ्वीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी शिशुपाल यादव के प्रचार के लिए पहुंचीं। पहुंचते ही उनकी नजर वहां लगे बैनर पोस्टर्स पर पड़ गयी। उनमें कहीं भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की तस्वीर नहीं थी. इमरती इस पर नाराज हो गयीं. उन्होंने आपत्ति जताई और कहा अगर मुझे महाराज की फोटो ना दिखे तो हमारा खून सूख जाता है।
पार्टी से ज्यादा महाराज की चिंता
अपनी बेबाक बातचीत के लिए इमरती देवी हमेशा ही चर्चा में रहती हैं। कमलनाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुकी इमरती देवी पृथ्वीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी शिशुपाल यादव के लिए वोट मांगने पहुंची थीं. लेकिन यह क्या वहां उनके प्रिय महाराज यानि ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो पोस्टरों से नदारद थी।
मीडिया ने सवाल पूछा तो दिल की बात जुबां पर आ गई इमरती देवी बोली कि महाराज का फोटो तो होना चाहिए उनका फोटो नहीं दिखता तो हमारा खून सूख जाता है. स्थानीय नेताओं से बातचीत करेंगे और महाराज की फोटो जरूर लगाएंगे।
महाराज की फोटो जरूर लगाएंगे
यह वही इमरती देवी हैं जिन्होंने अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता समय-समय पर सिंधिया के प्रति दिखाई. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में सिंधिया के आने के निर्णय पर सबसे पहले हां कहने वाली इमरती देवी ही थीं. मंत्री पद को ठुकराते हुए उन्होंने सिंधिया से कहा था ‘महाराज आप कहेंगे तो मैं कुएं में भी कूद जाऊंगी. इमरती देवी मजदूर पृष्ठभूमि से होने के बाद भी जिला पंचायत की अध्यक्ष, विधायक और सरकार में मंत्री बनीं तो बस सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया की बदौलत. इसी वजह से सिंधिया के प्रति वो हमेशा वफादार रहीं।
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