ईंटानगर। अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन को मुहंतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी क्षेत्र के उबड़-खाबड़ जलवायु परिस्थितियों और इलाकों में भारतीय सेना के जवान आक्रमक ट्रेनिंग और जोरदार अभ्यास करने में जुटे हुए हैं। चीन को करारा जवाब देने के लिए लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश की सीमा तक भारतीय जवानों का पहरा है। जवान जमकर यहां पसीना बहा रहे हैं। चीन की हर एक गतिविधि पर भारत नजर बनाए हुए हैं।
चीन से किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना के सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास तवांग सेक्टर में एक अभ्यास का प्रदर्शन किया। प्रशिक्षण के दौरान जवानों का एक वीडियो वायरल हो गया है। वायरल वीडियो में सुना जा रहा है कि, जिसमें मारो या मारो का नारा लगा रहे हैं। भारतीय सेना के जवानों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तवांग क्षेत्र में दुश्मन के टैंकों को नष्ट करने के लिए युद्ध अभ्यास का प्रदर्शन किया।
अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की चुनौती से निपटने के लिए सेना ने चौकसी बढ़ा दी है। संवेदनशील अग्रिम चौकियों पर एम 777 होवित्जर और स्वीडन की बोफोर्स तोपों के अलावा उन्नत एल 70 एंटी एयरक्राफ्ट तोपों को भी मोर्चे पर तैनात कर दिया गया है। ये तोपें चीन के लड़ाकू विमानों को चित करने में सक्षम हैं।
तवांग क्षेत्र में दुश्मन के टैंकों को नष्ट करने के लिए युद्ध अभ्यास
भारतीय सेना के जवानों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तवांग क्षेत्र में दुश्मन के टैंकों को नष्ट करने के लिए युद्ध अभ्यास का प्रदर्शन किया। पिछले साल पांच मई को पूर्वी लद्दाख सीमा के पैंगोंग झील क्षेत्रों में भारत चीनी सैनिक आमने सामने आ गए थे। मतभेद की वजह हिंसक झड़पों में भारतीय जवान शरीद हो गए थे, वहीं, बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए थे। इसके बाद दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों को लेकर अपनी तैनाती बढ़ा दी थी।
भारत के खिलाफ आक्रामक रहा है चीन: अमेरिकी राजनयिक
वहीं चीन के अगले अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित निकोलस बर्न्स ने कहा है कि चीन हिमालयी सीमा पर भारत के खिलाफ आक्रामक रहा है और अमेरिका को चीन सरकार को नियमों का पालन नहीं करने की स्थिति में जवाबदेह बनाना होगा।
बर्न्स ने चीन में अमेरिकी राजदूत के रूप में अपने नाम की पुष्टि संबंधी सुनवाई के दौरान सीनेट की विदेश संबंधों से जुड़ी समिति के सदस्यों से बुधवार को कहा कि चीन को जहां चुनौती देने की आवश्यकता है, अमेरिका उसे वहां चुनौती देगा। उन्होंने कहा कि जब भी चीन अमेरिकी मूल्यों एवं हितों के खिलाफ कदम उठाएगा, अमेरिका या उसके सहयोगियों की सुरक्षा को खतरा पैदा करेगा या नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कमजोर करेगा, अमेरिका उसके खिलाफ कदम उठाएगा।
बर्न्स ने कहा, ‘चीन हिमालयी सीमा के पास भारत के खिलाफ, दक्षिण चीन सागर में वियतनाम, फिलीपीन और अन्य के खिलाफ, पूर्वी चीन सागर में जापान के खिलाफ आक्रामक रहा है। उसने ऑस्ट्रेलिया और लिथुआनिया को डराने-धमकाने की मुहिम चलाई है। चीन द्वारा शिनजियांग में नरसंहार और तिब्बत में उत्पीड़न करना, हांगकांग की स्वायत्तता एवं स्वतंत्रता का गला घोंटना और ताइवान को धमकाना अन्यायपूर्ण है और इसे रोकना चाहिए।’
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