हिंदू धर्म में करवा चौथ (karva chauth) सुहागन स्त्रियों के लिए काफी खास होता है। इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास (Kartik month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखा जाता है। इस साल करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर, रविवार को है। इस दिन व्रती महिलाएं रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत पारण करती हैं। इस साल करवा चौथ पर शुभ संयोग(good luck) बनने से इसका महत्व और बढ़ रहा है।
करवा चौथ पर बन रहा ये शुभ संयोग-
करवा चौथ पर चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में उदित होगा। धार्मिक दृष्टि से यह नक्षत्र बेहद शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं और माना जाता है कि चंद्र दर्शन (moon sighting) से मनोकामना पूर्ण होती है।
करवा चौथ पर चांद निकलने का समय-
करवा चौथ 2021 यानी 24 अक्टूबर को चांद निकलने का समय रात 08 बजकर 07 मिनट है। कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि 24 अक्टूबर, रविवार को सुबह 03 बजकर 01 मिनट पर प्रारंभ होगी और 25 अक्टूबर की सुबह 05 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। पूजा की कुल अवधि 1 घंटा 17 मिनट है।
व्रती महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान-
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के दौरान काला पहनने की मनाही होती है। यह अशुभता का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि मंगलसूत्र के काले दाने के अलावा इस दिन किसी काले रंग का प्रयोग न करें।
मान्यता है कि सुहागिनों को सफेद वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। सफेद रंग सौम्यता और शांति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन सुहाग के लिए रखे जाने वाले करवा चौथ व्रत में सफेद रंग की मनाही होती है।
करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियों को भूरा रंग पहनने से बचना चाहिए। मान्यता है कि यह रंग राहु और केतु का प्रतिनिधित्व करता है।
इन रंगों के वस्त्र धारण करना माना जाता है शुभ-
करवा चौथ के दिन सुहागिनों को लाल, गुलाबी, पीला, हरा और महरून रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पहली बार करवा चौथ व्रत रखने वाली स्त्रियों को लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं पहली बार व्रत रखने वाली महिलाएं अगर शादी का जोड़ा पहनती हैं तो, इसे और उत्तम माना जाता है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी।
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