• img-fluid

    वैज्ञानिकों का दावा, दिमाग से Bad Memories को मिटाने में मदद करेगा ये प्रोटीन

  • September 29, 2024

    नई दिल्ली। हर किसी की जिंदगी अच्छी (Good Memories) और बुरी यादों (Bad Memories) के साथ ही आगे बढ़ती है। कुछ लोग बुरी यादों पर मिट्टी डाल आगे की तरफ देखते हैं. तो वहीं कुछ लोग बुरी यादों (Bad Memories) के साथ अपना आज और आने वाला कल भी प्रभावित करते हैं। उनको बुरी यादों (Bad Memories) से पार पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन सा लगता है। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि कोई ऐसी चीज हो, जिससे हम अपनी लाइफ की बुरी यादों को मिटा सकें, तो ये किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।

    एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (University of Cambridge) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे प्रोटीन (Protein) का पता लगाया है, जो किसी व्यक्ति के भावनात्मक विचारों और यादों को बदलने या भूलने में मदद करता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह प्रोटीन बुरी यादों को मिटाने का एक तरीका हो सकता है।


    रिपोर्ट के मुताबिक, कैंब्रिज यूनविर्सिटी के न्यूरोसाइंस विभाग (Department of Neuroscience) की साइंटिस्ट और चीफ रिसर्चर डॉ एमी मिल्टन (Dr Amy Milton) ने ब्रेन में शैंक प्रोटीन (shank protein) के होने का दावा किया है, जो बुरी यादों से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। साइंटिस्टों ने रिसर्च के दौरान चूहों को करंट का हल्का झटका दिया. इसके तुरंत बाद उन्हें बीटा ब्लॉकर (Beta Blocker) दवा प्रोपरानोलोल (Propranolol) दी गई। इसके बाद रिसर्चर्स ने देखा कि चूहे को स्मृतिलोप (Amnesia)तो नहीं हुआ, लेकिन मस्तिष्क में शैंक प्रोटीन की मौजूदगी के कारण वह मानसिक रूप से अस्थिर नहीं हुआ।

    खत्म होंगी बुरी यादें
    रिसर्चर्स का कहना है कि ब्रेन में मौजूद शैंक प्रोटीन की मात्रा घटती है तो ब्रेन में यादों से जुड़े तंत्रों (Mechanisms) में बदलाव संभव है. हालांकि ये कहना बहुत मुश्किल है कि शैंक प्रोटीन मेमोरी ब्रेकडाउन (memory breakdown) के लिए सीधे तौर पर जुड़ा रहता है या कोई गंभीर रिएक्शन के जरिए ऐसा होता है. मालूम हो कि वर्ष 2004 में न्यूयॉर्क में साइंटिस्टों ने प्रोपरानोलोल (propranolol) की मदद से जानवरों को ट्रॉमा से निकालने का पता लगाया था।

    चूहों और मनुष्यों का ब्रेन एक जैसा
    प्रमुख शोधकर्ता डॉ मिल्टन के अनुसार, मनुष्यों का भी ब्रेन चूहों के ब्रेन की तरह होता है. ऐसे में उम्मीद कर सकते हैं कि ये तरकीब मनुष्यों को बुरी या तकलीफदेह यादों से बचाने में मददगार होगी. बीटा ब्लॉकर दवाएं बीपी कम करने व एड्रनलिन हॉर्मोन (adrenaline hormone) के प्रभाव को कम करने में मदद करती है. हार्ट को धीमी गति से काम करने के लिए ये दवा दी जाती है।

    शैंक प्रोटीन और न्यूरॉन्स में रिलेशन
    साइंटिस्टों का कहना है कि मनुष्यों का ब्रेन अपने आप में एक दुनिया है. शैंक प्रोटीन ब्रेन में मौजूद रिसेप्टर्स को सहयोग करता है. इसी से पता चलता है कि कैसे ब्रेन का अलग-अलग न्यूरॉन्स के साथ मजबूत संबंध होता है।

    फिल्म जैसा नहीं
    साइंटिस्टों के मुताबिक, इससे बुरी यादों को हटाने में कामयाबी मिल सकती है, लेकिन वैसा कुछ नहीं होगा जैसे फिल्मों में दिखाया जाता है. फिल्मों में मुख्य किरदार खुद तय करता है कि उसे कौन सी बुरी याद हटानी है. वास्तिवक जीवन में अभी ऐसा करने के लिए काफी समय लगेगा।

    Share:

    आर्थराइटिस के मरीज इन चीजों के सेवन से रहें दूर, वरना बढ़ सकती है दिक्‍कत

    Sun Sep 29 , 2024
    आर्थराइटिस (गठिया) जोड़ों में दर्द या इन्फ्लेमेशन की एक जटिल समस्या है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 40 प्रतिशत पुरुष और 47 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवनकाल में आर्थराइटिस (Arthritis ) का शिकार होती हैं। डॉक्टर्स कहते हैं कि कुछ फूड शरीर में इनफ्लेमशन बढ़ाकर आर्थराइटिस को ज्यादा गंभीर बना सकते हैं। इसलिए आर्थराइटिस के मरीजों को […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved