नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में स्थिति तनावपूर्ण (stressful) है क्योंकि आतंकवादी क्रूर हमलों (terrorist brutal attacks) में आम नागरिकों को लगातार निशाना बना रहे हैं। कई पीड़ितों के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक या गैर-स्थानीय होने के कारण, इन हमलों (non muslim minority attacks) ने नागरिकों में भय पैदा कर दिया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस(Jammu and Kashmir Police) और सेना(Army) द्वारा पिछले एक महीने में कम से कम 11 हत्याओं के कारण आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई(action against terrorists) शुरू हो गई है।
पिछले सप्ताह हुए हमलों के सिलसिले में 700 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए कई ऑपरेशन भी शुरू किए हैं। ऑपरेशन के दौरान कई सैनिक भी शहीद हुए हैं।
रविवार को बिहार के दो और गैर-स्थानीय मजदूरों की कुलगाम में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। एक के किराए की दुकान पर गोलियां चलाईं गईं।
इस महीने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में मारे गए नागरिक:
मोहम्मद शफी डार: इस महीने की शुरुआत में मोहम्मद शफी डार की आतंकवादियों ने हत्या कर दी। डार को 2 अक्टूबर को सुरक्षा बलों के साथ कथित संबंधों के कारण आतंकवादियों ने मार दिया था।
माजिद अहमद गोजरी: श्रीनगर के छत्ताबल निवासी गोजरी की 2 अक्टूबर को करण नगर इलाके में मदीना कॉम्प्लेक्स के पास आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसे पास के अस्पताल ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। उन पर सुरक्षा बलों की मदद करने का भी संदेह था।
माखन लाल बिंदू: एक प्रमुख कश्मीरी पंडित, माखन लाल बिंदरू की 5 अक्टूबर को श्रीनगर में उनकी फार्मेसी में बिंदु-रिक्त सीमा पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्हें भी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बिंदरू 68 वर्ष के थे। वह और उनका परिवार 1990 के दशक में कश्मीर में रह रहा था।
वीरेंद्र पासवान: श्रीनगर के लाल बाजार में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता की उसी दिन गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिस दिन बिंदरू की हत्या हुई थी। पासवान बिहार के भागलपुर के रहने वाले थे।
मोहम्मद शफी लोन: बांदीपोरा में एक टैक्सी स्टैंड के अध्यक्ष और कैब चालक, शफी की उसी दिन गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिस दिन बिंदू और पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शफी को मारने के बाद भाग रहे लश्कर के आतंकवादी इम्तियाज अहमद डार को कुछ दिनों बाद एक ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने मार गिराया।
सुपिन्दर कौर: श्रीनगर के एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल कौर की 7 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी। कौर ईदगाह इलाके के गवर्नमेंट बॉयज़ हायर सेकेंडरी स्कूल में थी। आतंकवादियों ने परिसर में धावा बोल दिया और उन्हें गोली मार दी।
दीपक चंद: सुपिन्दर कौर के स्कूल में शिक्षक, चंद जम्मू के एक हिंदू थे। उसी दिन सुबह करीब 11 बजे स्कूल में उनकी भी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
सगीर अहमद: उत्तर प्रदेश के एक बढ़ई सगीर अहमद की 16 अक्टूबर को पुलवामा में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अहमद सहारनपुर का रहने वाला था और शनिवार को हुए हमले के बाद उसकी हालत नाजुक थी। इसके तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई।
अरबिंद कुमार शाह: आतंकवादियों ने शनिवार को श्रीनगर में गोल-गप्पे बेचने वाले शाह की गोली मारकर हत्या कर दी। वह बिहार के बांका का रहने वाला था। वह 30 साल का था। वह शहर के ईदगाह इलाके में एक पार्क के बाहर गोल-गप्पे बेच रहा था, जब उसकी हत्या कर दी गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने परिवार के लिए 2 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
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