श्रीनगर। जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकियों के निशाने पर आए गैर स्थानीय मजदूरों (Non-local laborers) को सुरक्षा शिविरों (security camps) में नहीं भेजा जाएगा। रविवार देर रात कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने कहा कि गैर-स्थानीय मजदूरों (Non-local laborers) को पुलिस/सेना शिविरों में स्थानांतरित करने के लिए जिला पुलिस अधिकारियों को जो आदेश मिला है वो फर्जी है. उन्होंने कहा कि किसी भी गैर स्थानीय मजदूर को सेना या पुलिस के शिविर में शरण लेने की जरूरत नहीं है।
दरअसल, कुलगाम में 2 गैर स्थानीय मजदूरों की हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. इस बयान में कहा गया था कि सभी जिला प्रमुख गैर स्थानीय मजदूरों को एकत्र करें और तत्काल उन्हें नजदीकी सुरक्षा शिविरों में लाएं. हालांकि इस बयान के कुछ घंटे बाद ही कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने इसे फर्जी करार दिया है।
24 घंटों में 4 गैर स्थानीय नागरिकों की हत्या
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार को आतंकवादियों ने दो गैर-स्थानीय मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी और एक अन्य को घायल कर दिया. कश्मीर जोन पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, कुलगाम के वानपोह इलाके में आतंकवादियों ने गैर स्थानीय मजदूरों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं. इस आतंकवादी घटना में दो गैर स्थानीय लोग मारे गए और एक घायल हो गया. इसमें कहा गया है कि पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है. अधिकारियों के मुताबिक आतंकवादी मजदूरों के किराए के मकान में घुस गए और उन पर अंधाधुंध गोलीबारी की।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में 24 घंटे से भी कम समय में गैर-स्थानीय मजदूरों पर यह तीसरा हमला है. बिहार के एक रेहड़ी-पटरी वाले और उत्तर प्रदेश के एक बढ़ई की शनिवार शाम को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
नागरिकों की हत्याओं के बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों को निशाना बनाकर उनके खून की एक-एक बूंद का बदला लेने की प्रतिबद्धता जाहिर की।
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