नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश (UP) में कांग्रेस (Congress) अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले (Before assembly elections) प्रगतिशील समाजवादी पार्टी और अन्य छोटी पार्टियों (Shivpal and other smaller parties) के साथ गठबंधन (Forge alliance) करने की कोशिश कर रही है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव का इटावा, मैनपुरी, संभल बेल्ट में कुछ प्रभाव है, जहां यादवों की अच्छी खासी संख्या है।
कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) से भी हाथ मिलाने की कोशिश कर रही है। हरियाणा के पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा, (जो उत्तर प्रदेश में जाट नेताओं के साथ अच्छे संबंध रखते हैं) को कांग्रेस ने जाट बहुल इलाकों में काम करने के लिए उतारा है। हालांकि, इस मुद्दे पर हर कोई चुप्पी साधे हुए है और सूत्रों का कहना है कि रालोद समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ बातचीत कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद को शिवपाल सिंह यादव के साथ ‘सामाजिक परिवर्तन यात्रा’ में देखा गया था। शिवपाल के साथ आचार्य प्रमोद बैठे नजर आए थे। उन्होंने यात्रा शुरू करने से पहले नेता का अभिनंदन भी किया था।
कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रयासों के बाद कांग्रेस राज्य में उभर कर आई है और छोटे दलों के साथ गठबंधन करना एक बुरा विचार नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, उन्हें आधिकारिक तौर पर नहीं पता कि गठबंधन के लिए बातचीत हो रही थी या नहीं।
रालोद के साथ गठजोड़ से कांग्रेस को जाट बहुल इलाकों में अपनी मौजूदगी मजबूत करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि ये इलाके किसानों के आंदोलन का केंद्र हैं।
प्रियंका गांधी किसान आंदोलन में सबसे आगे रहने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं और उन्होंने मंगलवार को 3 अक्टूबर को तिकुनिया गांव में एक एसयूवी द्वारा कुचले गए किसानों को ‘अरदास’ में भी पहुंचीं थी।एक दिन पहले प्रियंका ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग के समर्थन में लखनऊ में ‘मौन व्रत’ का नेतृत्व किया था, जिनके बेटे पर अपनी एसयूवी से किसानों को कुचलने का आरोप है।
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