भोपाल। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) ने बताया है कि वर्तमान में प्रदेश में विद्युत की माँग (Electricity demand in the state) की सफलतापूर्वक आपूर्ति की जा रही है। प्रदेश में औसत माँग लगभग 10 हजार मेगावाट है। अधिकतम माँग लगभग 11 हजार मेगावाट है। ग्यारह अक्टूबर को शाम 7 बजे अधिकतम माँग 10 हजार 853 मेगावाट थी, जिसकी निर्बाध आपूर्ति की गई।
श्री तोमर ने बताया है कि प्रदेश में विगत 15 दिवस से बिजली की माँग बढ़ रही है। प्रतिदिन 22 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली प्रदाय की जा रही है। कोयले के देशव्यापी संकट के तारतम्य में राज्य सरकार कोल इण्डिया और केन्द्र सरकार के सतत सम्पर्क में है। प्रदेश में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कोयले को रेल के माध्यम से परिवहन के साथ ही सड़क मार्ग से परिवहन कर लगभग 16 लाख टन कोयले की अतिरिक्त आपूर्ति के प्रयास भी किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी इसकी लगातार समीक्षा की जा रही है। श्री तोमर ने कहा है कि आगामी रबी सीजन और त्यौहारों में बिजली की कमी नहीं आने दी जायेगी।
प्रदेश के ताप विद्युत् गृहों में कोयले की स्थिति
वर्तमान में प्रदेश में ताप विद्युत् इकाई-वार कोयले की उपलब्धता, खपत एवं आपूर्ति इस प्रकार है:
(11-अक्टूबर 2021 की स्थिति में)
ताप विद्युत् केंद्र | उपलब्धता (दिन की खपत के बराबर) | उपलब्धता (मी. टन में) | खपत (मी. टन में) | आपूर्ति (मी. टन में) |
अमरकंटक | 7 | 24522 | 3239 | 1984 |
सतपुड़ा | 3 | 56127 | 7890 | 2453 |
बिरसिंगपुर | 4 | 79956 | 9772 | 14938 |
श्री सिंघाजी | 2 | 72218 | 19555 | 15689 |
कुल |
| 232823 | 40456 | 35064 |
इससे स्पष्ट है कि कोयले की आपूर्ति खपत के अनुरूप ही है। यदि प्रतिदिन भंडार में से 5000 मीट्रिक टन भी आपूर्ति के अतिरिक्त उपयोग में लिया जाता है, तो भी यह माह में खपत अनुसार आपूर्ति के लिये पर्याप्त है। यह कुल उपलब्धता, जो 2.328 लाख मीट्रिक टन है, के समक्ष नगण्य है।
कोयले की उपलब्धता एवं आपूर्ति की यह स्थिति लगभग एक माह से इसी स्तर के आसपास है। इस उपलब्धता एवं आपूर्ति से माह सितम्बर एवं इस माह अद्यतन बिना किसी घोषित/अघोषित कटौती के विद्युत् आपूर्ति की गयी है।
अतः वर्तमान में कोयले की आपूर्ति की स्थिति, जो दिन प्रतिदिन बढ़त लिए हुए है, वह प्रदेश में कोयले के भण्डारण की स्थिति को सुदृढ़ करेगी।
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