उज्जैन। सोमवार को अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हुए कार्यक्रम में न्यायाधीश ने कहा कि आज के समय में लड़कियों को आत्म रक्षा के उपाय बताना चाहिए, क्योंकि वातावरण ठीक नहीं है। इस दौरान जीडीसी कॉलेज में कार्यक्रम हुआ था। कार्यक्रम का प्रारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एन.पी. सिंह एवं डीजे श्रीमती अर्चना सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में बालिकाओं को विधिक रूप से साक्षर होना एवं बाल विवाह से बचना बहुत आवश्यक है। उनके द्वारा इस अवसर पर बालिकाओं को समाज में समानता का दर्जा दिये जाने का अवाहन करते हुए बनाये गये कानूनों की चर्चा की गई और बताया गया कि वर्तमान समय में पिता की संपत्ति में बालिकाओं को भी पुत्रों के समान अधिकार प्राप्त हैं।
लैंगिक अपराधों की चर्चा करते हुए सिंह के द्वारा बताया गया कि ऐसे मामलों में बालिकाओं को बिना किसी संकोच के अपराधी व्यक्ति को सजा दिलाने के लिये आगे आना चाहिए। कानून में ऐसे प्रावधान किये गये हैं कि उनकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी और पीडि़त बालिकाओं को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा पीडित प्रतिकर योजना के अतंर्गत उनके पुनर्वास हेतु प्रतिकर भी दिलाया जाएगा। डी.जे. श्रीमती अर्चना सिंह के द्वारा बालिकाओं को अपनी शिक्षा पर पूर्ण ध्यान देने एवं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की सलाह देते हुए बताया गया कि वर्तमान समय में बालिकाएं सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही है। शिक्षित होकर बालिकाएं एक साथ दो परिवार को शिक्षित कर सकती है। संस्था के सचिव जिला न्यायाधीश अरविंद कुमार जैन द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं की जानकारी दी गई। विद्यालय के प्राचार्य द्वारा आभार व्यक्त किया गया। शिविर में लगभग 200 बालिकाओं एवं विद्यालय की शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
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