डेस्क: खाने की बात आए तो सबसे पहले सब्जियां-सलाद (Vegetables) और फ्रूट्स (Fruits) खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इनसे शरीर के लिए जरूरी पोषण मिलता है. लेकिन एक महिला ऐसी है जिसे सब्जियों (Vegetables) से इतना डर लगता है कि सब्जियां देखते ही उसे पसीना आ जाता है. नॉर्थ यॉर्कशायर में रहने वाली 34 वर्षीय शार्लेट व्हिटल अपने इस डर के चलते कुछ चुनिंदा चीजें ही खा पाती हैं.
यहां तक कि वे सुपरमार्केट में शॉपिंग करते वक्त सब्जी वाले पोर्शन के करीब भी नहीं जाती हैं. पेशे से घुड़सवार कोच शार्लेट कहती हैं, ‘मैं सुपरमार्केट में शॉपिंग करते हुए भी सब्जी वाले काउंटर से दूर ही रहती हूं क्योंकि एक बार ब्रोकली की झलक देखने से ही मेरी हथेलियां पसीने से तर-बतर हो गईं थीं. सब्जियों से इस डर के चलते मैंने बचपन में भी इन्हें नहीं खाया.’
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक शार्लेट बचपन से ही फूड फोबिया (Food Phobia) की शिकार हैं. इसके चलते वे केवल चुनिंदा चीजें ही खा पाती हैं. इसके कारण उनकी जिंदगी पर गहरा असर पड़ा है. वह बताती हैं, ‘पहले मैं सब्जियां नहीं खा पाती थी. फिर बड़े होने पर मुझे मिल्कशेक जैसी गाढ़ी चीजों से भी डर लगने लगा. मैं सॉस खाने से भी डरने लगी. खाने की टेबल पर ये चीजें देखते ही मैं वहां से दूर हट जाती हूं या उल्टी कर देती हूं. स्कूल के दिनों में जब उन्हें स्कूल में भोजन दिया जाता था तो वे रोने लगती थीं.’
शार्लेट की मां ने उन्हें डॉक्टर को नहीं दिखाया बल्कि ऐसे चीजें खाने को दीं, जिनसे उसे डर न लगे. इसके बाद से शार्लेट केवल चिकन नगेट्स और राइस केक ही खा पाती हैं. यहां तक की 18 साल की उम्र में जब उन्हें नौकरी के कारण घर से दूर रहना पड़ा तो स्थिति और बिगड़ गई. वहां मिलने वाला खाना वे नहीं खा पाती थी. तब उन्होंने खुद ही अपना खाना बनाना शुरू किया. खाने से इस डर के कारण शार्लेट काफी शर्मिंदा भी होती हैं. सामान्य खाना न खा पाने के कारण लोग उनका मजाक उड़ाते हैं. वे ना तो अपने दोस्तों के साथ रेस्टोरेंट में जा पाती हैं और ना ही कोई शादी अटेंड कर पाती हैं.
फूड फोबिया के चलते वे 10 साल से सिंगल हैं. खाने के डर से वे डेट पर भी नहीं जा पाती हैं क्योंकि घूमने-फिरने, डेट पर जाने के दौरान खाने से सामना न करना संभव ही नहीं है. शार्लेट कहती हैं, ‘मेरे पास एक पपी है और मैं उसी के साथ रहना पसंद करती हूं. इस साल जनवरी में बीमार होने के बाद मेरी स्थिति और बिगड़ गई. अब मैं जिंदा रहने के लिए दिन में केवल एक बार शाम को साढ़े सात बजे चिकन नगेट्स या राइस केक खाती हूं.’
शार्लेट को अब भूख भी बहुत कम लगती है. वे पूरे दिन में बहुत कम कैलोरी लेती हैं. वह कहती हैं, ‘इस साल मार्च में मैंने आखिरकार डॉक्टर के पास जाने का फैसला किया. साथ ही मैंने एक्सट्रीम फूड फोबिक्स नाम के एक टीवी शो में हिस्सा लिया. इससे कुछ सुधार आया है और मैंने सॉस के साथ पास्ता खाने की कोशिश शुरू की है. हर कुछ हफ्तों के बाद मुझमें सुधार नजर आ रहा है. मेरा सपना है कि मैं खाने की चिंता किए बिना दोस्तों के साथ लंच-डिनर पर जाऊं या डेट पर जाऊं. अब मुझे उम्मीद नजर आ रही है.’
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