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    जम्मू-कश्मीर: आतंकियों से एनकाउंटर में 5 जवान शहीद, 39 दिन का है मनदीप का बेटा, 4 महीने पहले हुई थी गज्जन की शादी

  • October 12, 2021

    श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले (Poonch district of Jammu and Kashmir) से सोमवार सुबह उस समय बुरी खबर सामने आई, जब आतंकियों के साथ चल रहे एनकाउंटर में सुरक्षाबलों के पांच जवान शहीद (five soldiers martyred) हो गए. देशवासियों का इस घटना से खून खौल उठा है. जिन पांच जवानों ने बलिदान दिया है, उनमें एक जूनियर कमिशंन्ड ऑफिसर Junior Commissioned Officer (JCO) भी शामिल हैं.
    आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिलने के बाद तड़के सुरनकोट (surankot) में डीकेजी के नजदीक (Near DKG) एक गांव में अभियान शुरू किया गया था. सेना(Army) ने इलाके की घेराबंदी कर दी, जिसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी (Both Side Firing) होने लगी. इसी दौरान पांच जवान शहीद (five soldiers martyred)हो गए.
    शहीद होने वाले जवानों के नाम गज्जन सिंह, वैसाख एच, जसविंदर सिंह, मनदीप सिंह बहादुर, सरज सिंह हैं. पांच जवानों की शहादत की वजह से पूरा देश गमगीन है. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नायब सूबेदार जसविंदर सिंह, मनदीप सिंह और सिपाही गज्जन सिंह के शोक संतप्त परिवार को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है.



    पिता की पहले हो चुकी है मौत, अब बेटा हुआ शहीद
    शहीद जवान नायक सूबेदार जसविंदर सिंह, हरभजन सिंह के बेटे हैं. वह गांव मनन तलवंडी के रहने वाले हैं. जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में वे शहीद हो गए. जसविंदर के घर में दो भाई हैं और उनके पिता की मौत हो चुकी है. वह एक कप्तान के रूप में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे. बड़े भाई राजिंदर सिंह भी पूर्व सैनिक हैं. नायक सूबेदार जसविंदर सिंह शादीशुदा हैं. उनकी पत्नी सुखप्रीत कौर के दो बच्चे थे. सूत्रों के मुताबिक शहीद का पार्थिव शरीर मनन तलवंडी भेजा जाएगा, जहां पर पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

    महज 39 दिनों का है मनदीप सिंह का बेटा
    शहीद हुए जवानों में मनदीप सिंह भी शामिल हैं, जिनकी उम्र करीब 30 साल थी. वह पंजाब के गुरदासपुर के गांव चट्ठा के रहने वाले थे. शहीद मनदीप सिंह अपने पीछे अपनी बुजुर्ग माता मनजीत कौर, पत्नी मनदीप कौर और दो बेटों को छोड़ गए. शहीद मनदीप सिंह का एक बेटा मंताज सिंह 4 साल और दूसरा पुत्र गुरकीरत सिंह सिर्फ 39 दिन का है. मनदीप सिंह के घर कुछ दिन पहले ही खुशियां आई थीं और 16 अक्टूबर को मनदीप सिंह का जन्मदिन था. चचेरे भाई गुरमुख सिंह और गांव के रहने वाले गुरविन्दर सिंह ने कहा कि मनदीप सिंह एक बहुत अच्छे फुटबॉल और बास्केट बॉल के खिलाड़ी थे. हमें बहुत मान है कि मनदीप सिंह ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की है. कुछ दिन पहले ही मनदीप सिंह का फोन आया था और वह खुश थे. उस दौरान मनदीप सिंह ने वीडियो कॉल के पर बात की थी और मनदीप एक पहाड़ी पर चढ़े हुए थे. उन्होंने कहा कि मनदीप सिंह का भाई जगरूप सिंह फौज में है और एक भाई दोहा-कतर में है. मनदीप सिंह जब भी गांव आते थे या फिर फोन करते थे तो कहते थे कि गांव में शहीद के नाम पर कोई गेट नहीं है. शहीद मनदीप सिंह की माता मनजीत कौर ने कहा कि मेरा पुत्र दुनिया से चला गया है, लेकिन मुझे बहुत मान है अपने पुत्र की शहादत पर.

    आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए गज्जन सिंह
    आतंकवादियों से लोहा लेते हुए जम्मू-कश्मीर के पुंछ में कुल पांच जवानों की शहादत हुई. इसमें से एक जवान गज्जन सिंह भी हैं. आतंकियों को ढेर करने के लिए वह एनकाउंटर में मोर्चा संभाल रहे थे, इसी दौरान गज्जन सिंह शहीद हो गए. रूपनगर जिले के पचरंदा गांव के गज्जन सिंह की चार महीने पहले ही शादी हुई थी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उनके परिवार में उनकी पत्नी हरप्रीत कौर हैं.

    सरज सिंह की शहादत से सभी गमगीन
    सरज सिंह भी एनकाउंटर में शहीद हो गए. वह उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के रहने वाले थे. उनकी शहादत के बाद पूरा गांव गम में है. वह अख्तयारपुर धावकल के रहने वाले थे. वह एनकाउंटर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए. पुंछ जिले के सूरनकोट इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया था. इसी बीच जवानों पर कायरतापूर्वक आतंकियों ने गोलीबारी करनी शुरू कर दी, जिस दौरान सरज सिंह भी शहीद हो गए.

    केरल के वैसाख रहेंगे हमेशा याद
    जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सोमवार को हुए एनकाउंटर में सिर्फ पंजाब और यूपी के जवान ही नहीं शहीद हुए, बल्कि केरल के भी जवान की शहादत हुई है. केरल के वैसाख एच कोलम जिले के रहने वाले थे. उन्होंने पूरी ताकत से आतंकवादियों का सामना किया. एनकाउंटर के बारे में सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवादियों ने तलाशी दलों पर भारी गोलीबारी की, जिससे जेसीओ और चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. बाद में सभी जवान शहीद हो गए. सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “गंभीर रूप से घायल जेसीओ और चार जवानों को निकटतम चिकित्सा सुविधा में ले जाया गया, लेकिन वे शहीद हो गए.” अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों को सुरनकोट उपखंड में मुगल रोड के पास स्थित जंगलों में घुसपैठ की कोशिश का संदेह था.

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