डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच तालिबान, अफगानिस्तान और अन्य वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई. COP26 शिखर सम्मेलन से पहले हुई इस बातचीत में दोनों देशों के प्रमुखों ने तालिबान के प्रति एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर सहमति जताई.
पीएम मोदी और उनके समकक्ष जॉनसन ने फोन कॉल पर एक दूसरे से बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति के बारे में भी चर्चा हुई. इसके अलावा दोनों शीर्ष नेताओं ने एक दूसरे के साथ भारत-ब्रिटेन संबंधों के लिए एजेंडा 2030 पर प्रगति की भी समीक्षा की.
इस दौरान पीएम मोदी ने ब्रिटेन द्वारा भारतीय टीके को मान्यता दिये जाने का स्वागत किया. ब्रिटेन ने चार दिन पहले घोषणा की थी कि उन भारतीय यात्रियों, जिन्होंने कोविशील्ड की दोनों खुराक या इसके द्वारा अनुमोदित किसी अन्य टीके की सभी खुराक लगवाई होंगी, उन्हें 11 अक्टूबर से आगमन पर दस दिन के पृथक-वास में रहने की आवश्यकता नहीं होगी.
डाउनिंग स्ट्रीट के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘नेताओं ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति के बारे में भी बात की. वे तालिबान के साथ एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर सहमत हुए और उन्होंने देश में मानवाधिकारों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया.’
दोनों नेताओं ने ग्लासगो में आगामी ‘कॉफ्रेंस ऑफ दी पार्टीज’ (कॉप)-26 के संदर्भ में ब्रिटेन-भारत संबंधों की मजबूती और जलवायु कार्रवाई पर भी चर्चा की. प्रधानमंत्रियों ने 2030 रोडमैप पर हुई प्रगति का स्वागत किया. इस पर मई में जॉनसन और मोदी द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी.
Was a pleasure to speak to Prime Minister @BorisJohnson. We reviewed progress on the India-UK Agenda 2030, exchanged views on climate action in the context of the forthcoming COP-26 in Glasgow, and shared our assessments on regional issues including Afghanistan.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बात करके खुशी हुई. हमने भारत-ब्रिटेन एजेंडा 2030 पर प्रगति की समीक्षा की और ग्लासगो में होने वाले सीओपी-26 के संदर्भ में जलवायु के मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया. अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने आकलनों को भी साझा किया.’
वर्तमान में अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुल्ला आमिर खान मुत्तकी अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ कतर में मौजूद हैं. यहां आमिर खान मुत्तकी की अमेरिका समेत कई देशों के साथ बातचीत जारी है. तालिबानी सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुत्तकी का उद्देश्य काबुल की नई सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाना है और लगभग 10 बिलियन डॉलर के फंड पर लगे बैन को हटाना है.
अमेरिका ने तालिबानी सरकार को मान्यता देने से किया इनकार
10 अक्टूबर को दोहा में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तानी पक्ष से बातचीत की. ये बातचीत सुरक्षा और आतंकवाद की चिंताओं पर केंद्रित थी. इस बातचीत के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि अमेरिका अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देना जारी रखेगा. साथ ही अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने दोहराया कि तालिबान को ‘उसकी बयानबाजी पर नहीं बल्कि उसके एक्शन पर आंका जाएगा.’ अमेरिका ने कहा कि फिलहाल वाशिंगटन ने तालिबानी सरकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया है.
इस बीच भारत ने विश्व समुदाय से कहा है कि वह तालिबानी सरकार को मान्यता देने में जल्दबाजी न करे, क्योंकि ये समावेशी नहीं है बल्कि इसकी स्थापना बिना बातचीत के हुई है. नेताओं ने एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के नेतृत्व में यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की भारत की आगामी यात्रा और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी पर भी बात की फोन पर हुई इस बातचीत के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आगामी COP26 शिखर सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन पर ठोस प्रगति को भी रेखांकित किया. जॉनसन ने कहा कि भारत पहले से ही अक्षय प्रौद्योगिकी (Renewable Technology) में विश्व का नेतृत्व कर रहा है.
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