भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के सपने को पंख देने के लिए नरसिंहपुर जिले में भी समुचित प्रयास किए जा रहे हैं। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल के मार्गदर्शन में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश अभियान में ‘एक जिला-एक उत्पाद’ में गाडरवारा की तुअर दाल और करेली के गुड को मध्यप्रदेश की विशिष्ट पहचान बनाने के लिए सतत प्रयास जारी हैं। कलेक्टर द्वारा कृषि वैज्ञानिकों और क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ मिलकर प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान द्वारा हर संभव सहायता उपलब्ध कराने, कृषि मंत्री पटेल द्वारा सतत मॉनिटरिंग और जिला प्रशासन के समन्वित प्रयासों से नरसिंहगढ़ जिले की उत्तम गुणवत्ता की गाडरवारा तुअर दाल और करेली के गुड को नई पहचान मिल रही है। गाडरवारा तुअर दाल अपने सौंधेपन एवं स्वाद के लिए जानी जाती है। करेली का गुड़ भी स्वाद और सेहत के लिए अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। “एक जिला-एक उत्पाद” योजना और सभी के प्रयासों से इसकी ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग को गति मिली है।
उन्होंने बताया कि जन-कल्याण और सुराज के 20 वर्ष पूर्ण होने पर मिंटो हाल भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में लगाए गए स्टाल में गाडरवारा तुअर दाल के पैकेट एवं बैग रखे गये थे। इनका अवलोकन मुख्यमंत्री चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने किया। अतिथियों ने रूचि लेकर गाडरवारा तुअर दाल की जानकारी ली और इस पहल की सराहना की।
“एक जिला-एक उत्पाद” के अंतर्गत गत दिवस नरसिंहपुर में आयोजित हुई बैठक में करेली गुड़ और गाडरवारा तुअर दाल के उत्पादन एवं विक्रय को बढ़ावा देने के प्रयासों को और अधिक गति का निश्चय किया गया। इन उत्पादों की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। तुअर दाल की मार्केटिंग के लिए गाडरवारा आर्गेनिक फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड ने गाडरवारा तुअर दाल के विक्रय एवं अवलोकन के लिये स्टाल लगाया जा रहा है। स्टाल पर अलग- अलग वजन के पैकिट एवं बैग में गाडरवारा तुअर दाल को रखा जा रहा है। इंदौर एवं भोपाल के बाजार में पूर्व में भी स्टाल लगाकर इन उत्पादों को रखा गया था। इंदौर एवं भोपाल में लोगों ने गाडरवारा तुअर दाल एवं करेली गुड़ को बहुत पसंद किया। यहाँ तक की अतिरिक्त मात्रा में इन उत्पादों को विक्रय के लिए इंदौर एवं भोपाल बुलवाया गया। इन उत्पादों की बड़े पैमाने पर ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग होने से जिले के किसानों को इसका लाभ मिलेगा और वे अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित होंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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