वाशिंगटन: अफगानिस्तान (Afghanistan) के लोगों के भविष्य को मझदार में छोड़ चुका अमेरिका (US) अब एक बार फिर वहां फंसे लोगों की सुरक्षित निकासी के लिए माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है. इस सिलसिले में अमेरिकी आज शनिवार और कल रविवार को तालिबान (Taliban) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान विदेशी नागरिकों और उन अफगान लोगों की अफगानिस्तान से निकासी पर फोकस किया जाएगा जिन पर खतरा है.
चरमपंथियों पर चर्चा!
इस मीटिंग के दौरान अफगानिस्तान में मौजूद चरमपंथी समूहों को नियंत्रित करने पर भी चर्चा हो सकती है. आपको बता दें कि अगस्त में अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की वापसी के बाद यह इस तरह की पहली बैठक है. ये मुलाकात कतर के दोहा (Doha) में होगी.
2020 के फॉर्मूले पर फोकस
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने दोहा से एसोसिएटेड प्रेस को शनिवार को बताया कि वार्ता के दौरान उस शांति समझौते पर भी बात होगी जो तालिबान ने 2020 में वाशिंगटन के साथ किया था. इसी समझौते के परिणामस्वरूप अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी हुई है.
शाहीन ने कहा, ‘हां हमारी एक अहम बैठक होने जा रही है. यह द्विपक्षीय संबंधों और दोहा समझौते को लागू करने के बारे में है.’ वहीं एक अधिकारी ने कहा कि इस दौरान आतंकवाद का विषय भी चर्चा में शामिल होगा. तालिबान के सत्ता में आने के बाद से इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकवादियों ने समूह, जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं.
सेफ पैसेज पर चर्चा
अमेरिका के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि कतर के दोहा में होने वाली वार्ता के केंद्र में अफगानिस्तान के तालिबान नेताओं से यह वादा लेना होगा कि वे अमेरिकी लोगों, विदेशी नागरिकों और अमेरिकी सरकार तथा सेना के मददगार रहे अफगान सहयोगियों को अफगानिस्तान से निकलने की इजाजत दें. अफगानिस्तान से अमेरिका फौज और राजनयिकों के निकलने के बाद, बाइडन प्रशासन लगातार सवालों के घेरे में है.
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