जबलपुर। कुंडम जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत फिफरी में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। जहां विकास के नाम पर शासकीय राशि का आवंटन तो होता है, लेकिन पंचायत की कमान संभाल रहे पंचायत सचिव की कार्यप्रणाली पूरी राशि का बंदरबाट करने की है। बढ़ते भ्रष्टाचार का कारण अधिकारियों की उदासीनता है, जो कि राशि जारी होने के बाद कभी भी जांच पड़ताल के लिये गांव नहीं गये। जिससे आलम ये है कि वहां न तो सड़के है और न ही कोई मूलभूत सुविधाए, जिसकों लेकर जब तब ग्रामीण जन सड़कों पर उतरकर विरोध जताते आ रहे है, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रहीं है। ग्राम पंचायत फिफरी के वाशिंदों का कहना है कि सालो से पंचायतों में निर्माण कार्य के लिए आने वाली राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। कई मामले ऐसे हैं कि जिनमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है और कार्य के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। आरोप है कि ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव धर्मेंद्र सिंह द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत में एक भी सड़क ढंग की नहीं
ग्राम पंचायत फिफरी के अंतर्गत आने वाले 2 गांवों में, झोंझ, पिपरिया और फिफरी में एक भी सड़क ढंग की नहीं है। स्थानीय वाशिंदों ने बताया कि 5 साल बीत गए, जब भी सचिव धर्मेंद्र से को रोड के लिए बोला जाता है तो वह टालमटोल कर देता है। वहीं चर्चा है कि सड़क निर्माण के लिये पूर्व में ही राशि जारी हो चुकी है, लेकिन निर्माण व मरम्मत आज तक नहीं हुआ।
बरसात में पूरे ग्राम पंचायत की सड़क में कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है जिससे ना केवल ग्राम वासियों को काफी दिक्कत होती है। बल्कि बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत फिफरी के पिपरिया की ओर जाने वाली रोड पूरी तरह से उखड़ चुकी है। जिसकी कई मर्तबा शिकायत की गई, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं होती।
सुमन सिंह मरावी
अनेकों बार ग्राम पंचायत की समस्याओं को लेकर सचिव धर्मेंद्र सिंह के पास गया, लेकिन उनका एक ही घिसा पिटा जवाब है कि जल्द से जल्द ग्राम पंचायत का काम हो जाएगा अभी पंचायत के पास कोई फंड नहीं है।
मुकेश रहवासी
पूरे ग्राम पंचायत में सबसे ज्यादा समस्या सड़क और पानी की है। कभी-कभी ऐसा होता है कि दो बूंद पानी के लिए भी 2 से 3 किलोमीटर चलना पड़ता है।पूरे पंचायत में सिर्फ दो ही ना लगे हुए हैं मैं भी कभी भी बंद हो जाते हैं।
मदन सिंह मरकाम
पंचायत में रोड तो है लेकिन चलने लायक रोड नहीं है पंचायत में नल तो है लेकिन पीने लायक पानी नहीं है। पंचायत में हर काम में समस्या है जिसकी शिकायत कई बार सचिव धर्मेंद्र सिंह से की गई लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या का हल नहीं हो सका है।
भगत परस्ते
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