इंदौर। जिला प्रशासन (District Administration) द्वारा इन दिनों भू माफियाओं (Land Mafia) के खिलाफ तेजी से करवाई की जा रही है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों (Rural Areas) का राजस्व अमला नजूल, सीलिंग व आबादी जमीनों की जांच-पड़ताल में जुटा हुआ है। दस्तावेजों (Doccuments) की छानबीन में कई जालसाजों की पोल भी खुल रही है। इसी तरह का खुलासा शहर के ग्राम माचला में हुआ है, जहां दो सरपंचों ने सांठगांठ कर फर्जी पट्टे बांट दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार राऊ तहसील (Rau Tehsil) के ग्राम माचला में खसरा नंबर 121/1/1 कुल रकबा 11.135 हेक्टेयर आबादी की जमीन को वहां के सरपंच अनिल पिता राधाकिशन चंदेल द्वारा पिछले तीन सालों में नियम विरुद्ध दिनेश मिथेरिया, भगवानदास मठोलिया तथा सचिन मथोलिया सहित अन्य लोगों को फर्जी तरीके से पट्टे बांटे गए। इसी तरह दूसरे सरपंच अशोक पिता भूरालाल द्वारा भी नियम विरुद्ध रूमी पिता राणा, अर्जुन पिता रूनाजी, हीरालाल चौहान, राहुल राठौर, देवकीबाई संजय सहित अन्य को पट्टे जारी किए गए हैं। तहसीलदार महेंद्र गौड़ ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों सरपंचों के खिलाफ तेजाजी नगर थाने में कल एफआईआर दर्ज कराया गया, वहीं आज से इन पट्टों को निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। नियम विरुद्ध जिन लोगों को पट्टे दिए गए हैं, उनसे वापस छीन कर जमीन सरकारी घोषित की जाएगी।
और ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने साधी चुप्पी
आबादी की जमीन पर नियम विरुद्ध रेवड़ी की तरह बांटे गए पट्टे के मामले में ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। इसकी पुष्टि इस मामले में तत्कालीन सचिव दीपाली मंडलोई एवं महेश कोरिया द्वारा दिए गए जवाब से हुआ है। फर्जी तरीके से बांटे गए पट्टे के मामले में सरपंच के साथ-साथ ग्राम पंचायत के तत्कालीन सचिव व अन्य कर्मचारी भी जिम्मेदार हैं। नियमानुसार पट्टे देने के पहले ग्राम पंचायत की अनुमोदन जरूरी है और पट्टे भी उसी गांव के गरीब लोगो को दी जाती है, जिस गांव में आबादी भूमि है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved