बाराबंकी। कायदे-कानून और नियमों (rules and regulations) की बात कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों (Congress workers and office bearers) के लिए गुरुवार को बेमानी लगी. ऐसा उस समय देखने को मिला जब कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी (Congress General Secretary and UP in-charge Priyanka Gandhi) सड़क के रास्ते बराबंकी (Barabanki) से बहराइच के लिए निकलीं. इस दौरान उनकी गाड़ी के साथ ही बड़ी संख्या में गाडियों का काफिला मौजूद था। बाराबंकी के शहवपुर टोल प्लाजा पर जब ये काफिला पहुंचा तो प्रियंका गांधी की गाड़ी तेजी से टोल को पार कर गई. उनकी गाड़ी के पीछे-पीछे कांग्रेस के अन्य लोगों की गाड़ियां भी दनदना कर टोल पार कर गईं. इस दौरान करीब 70 गाड़ियां बिना टोल चुकाए वहां से निकलीं।
टोल कर्मियों ने जानकारी दी कि टोल प्लाजा से निकलीं बड़ी संख्या में गाड़ियों के चलते एनएचएआई को करीब 10 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि इस तरफ किसी भी स्थानीय कांग्रेस नेता का न ध्यान गया और न ही किसी ने बाद में टोल भरने की बात की।
गौरतलब है कि टोल प्लाजा के नियमानुसार एक विशेष श्रेणी के लोगों के अलावा सभी को टोल टैक्स अदा करना पड़ता है। हालांकि इसके बावजूद प्रियंका गांधी के काफिले में मौजूद गाड़ियों को शायद इस नियम को नहीं मानना था। न तो किसी ने काफिला रोका और न ही अन्य गाड़ियों से टोल मांगा गया। हालांकि टोल कर्मियों का कहना था कि प्रियंका गांधी के पीछे चल रही गाड़ियां इतनी तेज रफ्तार में थीं कि उन्हें अचानक नहीं रोका जा सकता था।
राहुल गांधी के साथ पहुंची थीं किसानों के घर
गौरतलब है कि लखीमपुर में हुई घटना के बाद प्रियंका गांधी को सीतापुर स्थित गेस्ट हाउस में दो दिनों तक रखा गया था। इसके बाद बुधवार को वे लखीमपुर के लिए रवाना हुईं थीं. यहां पर वे राहुल गांधी के साथ पीड़ित परिवारों से भी मिलीं थीं. वे सीतापुर से सीधे लखीमपुर पहुंची थीं और राहुल गांधी दिल्ली से लखनऊ वाया हवाईजहाज और फिर लखनऊ से लखीमपुर सड़क मार्ग से पहुंचे थे।
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