भोपाल। टी.बी. नियंत्रण कार्यक्रम (TB control program) के तहत प्रदेश (MP) में इस वर्ष कोरोना के बावजूद भी उल्लेखनीय कार्य किया गया। अब तक एक लाख 18 हजार 313 मरीजों को चिन्हित किया जाकर उनके उपचार के लिये राशि सीधे मरीजों के खाते में भेजी जा रही है। प्रदेश में 24 करोड़ 37 लाख रुपये के विरुद्ध 17 करोड़ 85 लाख रुपये सीधे मरीजों के खाते में भेजे जा चुके हैं। यह उपलब्धि 73 प्रतिशत से अधिक है, जो कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में उल्लेखनीय है। देश के राज्यों में डीबीटी में मध्यप्रदेश का पांचवां स्थान (Madhya Pradesh ranks fifth in DBT) है।
यह जानकारी प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में हुई टीबी नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा इस वर्ष प्रदेश में अनुमानित 2 लाख 40 हजार 100 मरीजों को खोजकर उपचार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित है। निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध अब तक एक लाख 18 हजार 313 मरीजों को खोजकर इलाज के लिये राशि सीधे उनके खाते में ट्रांसफर की गई है।
बताया गया कि कोरोना की दूसरी लहर में टी.बी. चिकित्सालयों के चिकित्सकों और कर्मचारियों के ड्यूटी पर रहने के बाद भी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है। दिसम्बर अंत तक शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के लिये प्रयास किये जायेंगे। बैठक में राज्य क्षय अधिकारी डॉ. वर्षा राय और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाएं
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने डेंगू के पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष बढ़े हुए मरीजों की संख्या पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि डेंगू नियंत्रण के लिये लगातार अभियान के रूप में कार्य किया जाये।
स्टेट मलेरिया नोडल ऑफीसर डॉ. हिमांशु जायसवाल ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष डेंगू के मरीज अधिक हैं, परंतु यह भी एक तथ्य है कि पिछले वर्षों में टेस्टिंग सुविधा अधिक उपलब्ध नहीं थी। वर्ष 2016 में केवल 7 हजार 300 मरीजों की डेंगू की जाँच की गई थी, जबकि इस वर्ष 30 हजार 302 मरीजों की अब तक जाँच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि डेंगू नियंत्रण के कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाया जा रहा है। उपचार के लिये भी पर्याप्त व्यवस्थाएँ की गई हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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