नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) से ठीक होने के बाद भी कई लोग तरह-तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं. लेकिन दिल्ली में एक ऐसा मामला भी सामने आया जिसमें एक मरीज को कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से अपना एक पैर गंवाना पड़ गया. ये सब इसलिए हुआ क्योंकि उन्हें जरूरत के वक्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाई थी.
ऑक्सीजन लेवल घटते-घटते रह गया था 40
दिल्ली के रहने वाले 51 साल के विवेक बहल को कोरोना वायरस का संक्रमण (Coronavirus Infection) दूसरी लहर के दौरान मई के महीने में हुआ था. इस दौरान लगातार 8-10 दिनों तक बुखार बना रहा, लेकिन उस वक्त अस्पतालों का हाल बेहद बुरा था. न कहीं बेड्स मौजूद थे और ना ही जरूरतमंद के लिए ऑक्सीजन का प्रबंध वक्त पर हो पा रहा था. विवेक का ऑक्सीजन भी घटते-घटते 40 तक आ पहुंचा था. सब तरफ से नाउम्मीद होने के बाद विवेक गाजियाबाद के इंदिरापुरम के एक गुरुद्वारे में पहुंचे और किसी तरह वहां उन्हें ऑक्सीजन मिली.
टांगों से फेफड़ों तक पहुंचे खून के थक्के
ऑक्सीजन मिलने के बाद भी ऑक्सीजन स्तर 90 पर ही आ पाया. उसके बाद जब उन्हें किसी तरह मैक्स अस्पताल में बेड मिला तो वहां पहुंचने तक उनका दायां पैर नीला पड़ चुका था. अस्पताल में जांच के वक्त ऑक्सीजन का स्तर 70-80 के बीच था. डॉक्टरों के मुताबिक दाएं पैर को काटने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. पैर पूरी तरह से काला पड़ चुका था और टांग में खून के थक्के बन चुके थे जो टांगों से फेफड़ों तक जा पहुंचे थे.
किडनी पर भी आया असर
विवेक की किडनी पर भी असर आने लगा था. मैक्स अस्पताल में सर्जन डॉ सुनील चौधरी ने पांव की सर्जरी की और कोरोना का इलाज कर रहे डॉ आशीष जैन ने दवाएं देकर शरीर में मौजूद बाकी ब्लड क्लॉट्स को हटाने का काम किया. फेफड़ों के ब्लड क्लॉट दवाओं से हटाए गए लेकिन पांवों को बचाना मुश्किल था इसलिए एक टांग काटनी पड़ी. अभी तक विवेक को अस्पताल आना पड़ता है क्योंकि अब ये कृत्रिम पैर लगवा चुके हैं और फिर से चलना सीख रहे हैं.
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